अमेरिका में हुआ, सियासत में साजिश और सच की नई कहानी

साज़िश की अफ़वाहों और अटकलों को और बल तब मिला जब शुरुआती क्लिप्स के बाद असाधारण तस्वीरें सामने आईं, खासतौर पर एसोसिएटेड प्रेस के चीफ़ फ़ोटोग्राफ़र इवान वुची द्वारा ली गई एक तस्वीर की ख़ूब चर्चा हो रही है। इस तस्वीर में डोनाल्ड ट्रंप मुठ्ठी बांधे हुए नज़र आ रहे हैं, उनके चेहरे और कान पर खून लगा हुआ है, और उनके पीछे अमेरिकी झंडा दिख रहा है। इस तस्वीर ने बहुत से लोगों के बीच भावनात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की और साज़िश की संभावनाओं को और भी गहरा कर दिया।

 

वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रम्प के साथ जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, गलत है और उसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। उनसे हम सबको सहानुभूति है। मगर क्या इससे वे राष्ट्रपति पद के सर्वोत्तम उम्मीदवार बन जाते हैं? ट्रम्प पर कातिलाना हमले के पहले वे दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण मकान- व्हाइट हाउस– का किरायेदार बनने के लिए जितने अनुपयुक्त थे, हमले के बाद भी उतने ही अनुपयुक्त हैं।

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि राष्ट्रपति बनने पर वे क्या कहर बरपा करेंगे तो पिछले 24 घंटे के घटनाक्रम पर ध्यान दें और आपको पता चल जाएगा कि उन्होंने कैसे पहले से अफरातफरी भरे माहौल को और गंभीर बना दिया है।

सबसे पहले बात तस्वीरों की। ट्रम्प का खून से सना चेहरा, सुरक्षाकर्मियों से घिरे हुए ट्रम्प, जो संभवतः अंर तक हिल गए थे, किंतु फिर भी अपनी बंधी हुई मुट्ठी हवा में लहरा रहे थे, और जब उन्हें सभास्थल से ले जाया जा रहा था तब उन्होंने चिल्लाकर कहा ‘फाइट’। हर कदम चलने के बाद उनका चेहरे पर दृढ़ता का भाव और गहरा होता जा रहा था। उनकी आंखों में डर नहीं था। उनकी आंखों में थी जीत की चमक।

ट्रम्प हमेशा से एक मंझे हुए कलाकार रहे हैं। और उन्होंने शनिवार को अपनी अदाकारी का शानदार प्रदर्शन किया। इस बात की सराहना तो करनी ही होगी कि आशंकाओं, अफरातफरी और खौफ से भरे उस मौके पर भी उनका दिमाग शांत था। जैसा कि नीत्शे ने कहा है, ‘व्हाट डजन्ट किल यू मेक्स यू स्ट्रॉन्गर’ (हर आपदा आपको और मजबूत बनाती है)।

इन दृश्यों ने डोनाल्ड ट्रम्प को अजेय बना दिया है। वे इतिहास के पन्नों में एक मसीहा और शहीद दोनों के रूप में दर्ज हो गए हैं। ‘फॉक्स न्यूज’ का मानना है ट्रम्प ने जैसी प्रतिक्रिया की, उससे वे एक हीरो के रूप में उभरे हैं। अमेरिका की ताकत और हिम्मत के प्रतीक के रूप में। इसमें कोई संदेह नहीं कि उनकी एप्रूवल रेटिंग में बड़ी बढ़ोतरी होने के अनुमान सही साबित होंगे। पिछले महीने हुए डिबेट में राष्ट्रपति बाइडेन के निराशाजनक प्रदर्शन के पहले से ही ट्रम्प मजबूत स्थिति में थे और एक शक्तिशाली राजनेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। वे एक कमजोर, थके और बूढ़े राष्ट्रपति के बरक्स एक पहलवान नजर आ रहे थे। अब चर्चाओं के केंद्र में जो बाइडेन और उनकी बुजुर्गियत नहीं, बल्कि डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी हत्या का प्रयास है।

चुनावों के दौरान धारणाओं को सच बनते देर नहीं लगती और प्रतीकात्मकता अक्सर वास्तविकता से अधिक अहम बन जाती है। लाइव टेलीविजन और सोशल मीडिया के इस दौर में यह घटना बहुत जल्दी चुनावी अभियान के केंद्र में आ गई है। और ट्रम्प ने सुनिश्चित किया कि ऐसा हो। इसकी खासी सम्भावना है कि जनता का आह्वान करते ट्रम्प की तस्वीरें और वीडियो इस चुनाव की और संभवतः उनके पूरे राजनीतिक करियर की स्थायी और प्रतिनिधि प्रतीक बन जाएंगी।

लेकिन इससे अधिक चिंताजनक यह है कि अमेरिका का पहले से ही ध्रुवीकृत समाज में और तनाव और उत्तेजना घुल जाएगी। मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (एमएजीए) के उग्र समर्थकों के लिए ट्रम्प का नारा था ‘फाइट’।

ट्रम्प ने राजनीतिक विमर्श के स्तर को बहुत गिरा दिया है। विमर्श की शब्दावली अधिकाधिक हिंसक और विभाजक होती जा रही है। ट्रम्प ने राजनीतिक हिंसा की शुरुआत की और शनिवार के घटनाक्रम के बाद वे उसी नैरेटिव को और मजबूत कर रहे हैं।

राष्ट्रपति बाइडेन और प्रमुख डेमोक्रेट नेताओं ने ट्रम्प पर हमले की बिना किंतु-परंतु के कड़ी निंदा की है। यह इस तथ्य के बावजूद कि पूर्व राष्ट्रपति से उनके मूलभूत मतभेद हैं। दूसरी ओर रिपब्लिकन खुलेआम इस घटना के लिए अपने राजनीतिक विरोधियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

अमेरिका में जब कभी अतीत में राजनीतिक हत्याएं हुईं, तब अक्सर इस बात का शक उठता रहा है कि इसके पीछे “डीप स्टेट” की एजेंसियों का हाथ हो सकता है। “डीप स्टेट” का मतलब उन गुप्त और शक्तिशाली सरकारी संगठनों और एजेंसियों से है जो सरकार के अंदर और बाहर कार्य करते हैं और जिनका प्रभाव निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों से भी अधिक माना जाता है।
प्रसिद्ध राजनीतिक हत्याओं, जैसे कि राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी की हत्या, मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या, और रॉबर्ट एफ. केनेडी की हत्या, के मामलों में ऐसे शक और षड्यंत्र सिद्धांत उठते रहे हैं। इन मामलों में अनेक बार यह आशंका व्यक्त की गई कि इन हत्याओं के पीछे “डीप स्टेट” या “शक्तिशाली इलीट” का हाथ हो सकता है, जो अपने हितों की रक्षा के लिए कार्य कर रहे थे।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति पद के दौरान और बाद में भी “डीप स्टेट” और “इलीट” पर आरोप लगाए कि ये लोग उनके विरुद्ध लामबंद हैं और उनकी नीतियों को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप का मानना था कि सरकार और विभिन्न एजेंसियों के अंदर एक गुप्त गठबंधन उनके विरुद्ध काम कर रहा है।