कोविड 19 का असर: परिवारों की आमदनी ही नहीं, बचत में भी कमी

नई दिल्ली। साल 2020 हर परिवार के लिए मुसीबत लेकर आया। जहां लोगों के रोजमर्रा जीवन प्रभावित हुए। नौ महीने से लोग डर के साये में जी रहे हैं। आर्थिक मोर्चे पर भी भारतीय परिवार को काफी जूझना पड़ा। आमदनी तो घटी ही, इसके साथ ही परिवार के लोगों के बचत में भी कमी दर्ज की गई है। मध्यम वर्गीय और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों ने अपने बचत से भी निकालकर इन नौ महीने में अपनी जरूरतों को पूरा किया है।

यह बातें एक सर्वे में सामने आई है। सर्वे में कहा गया है कि नौकरी छूटना, वेतन कटौती या भुगतान में देरी जैसी वजहों से परिवारों की बचत प्रभावित हुई है। इसका सामाजिक असर भी हुआ है। सर्वे में शामिल 8,240 लोगों में से 68 प्रतिशत ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले आठ माह में उनकी बचत घटी है।

लोकलसर्किल्स के उपभोक्ताओं के रुख पर छमाही सर्वे में कहा गया है कि महामारी के अब नौ माह हो गए हैं। सर्वे पर देश के 302 जिलों से करीब 44,000 प्रतिक्रियाएं मिलीं। इसमें 62 प्रतिशत पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। सर्वे में शामिल लोगों में से 55 प्रतिशत पहली श्रेणी के शहरों से है। 26 प्रतिशत दूसरी श्रेणी और 19 प्रतिशत तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों या ग्रामीण जिलों से हैं।

इस सर्वे में जब लोगों से उनकी बचत और खर्च के संबंध में सवाल किया गया, तो 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अगले चार माह के दौरान विवेकाधीन उत्पाद या संपत्तियां खरीदने पर खर्च करेंगे। करीब 10 प्रतिशत लोगों का कहना था कि अगले चार माह में उनकी विवेकाधीन खरीद पर 50,000 रुपये से अधिक खर्च करने की योजना है। वहीं 21 प्रतिशत ने कहा कि इस अवधि में वे 10,000 से 50,000 रुपये खर्च करेंगे।