झारखण्ड में मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी नही हुआ कार्यवाही, किसानों के बिक्री हेतु रखे धान में आ गए अंकुर

9 मई 2021 को हरिहरपुर ओपी क्षेत्र के साथ साथ कई अन्य गांवों के किसानों ने प्रखंड परिसर में एक दिवसीय धरना दिए थे।

जिला के कांडी प्रखंड में कभी यह अक्सर पढा करते थे कि हमारे देव भूमि में अन्नदाताओं को भगवान का दर्जा दिया जाता है पर आज अन्नदाताओं की उपेक्षा हो रही है उनकी सुध लेना तो दूर की बात है उनके द्वारा खून पसीना एक करके उगाए गए फसल की ओर कोई देखने वाला भी नही है। आज किसान का धान बिक्री के लिए खुले आसमान में रखे रखे उनमे अंकुर फुट आई है।

हम बात कर रहे हैं कांडी प्रखंड के प्रांगण में किसानों द्वारा बिक्री के लिए रखे गए धान की। कितनी बड़ी विडंबना है कि किसान दिसंबर में ही धान की कटाई करके पहले धान क्रय हेतु मैसेज आने का इंतजार किये उसके बाद किसी तरह मैसेज भी आया अपने अपने धान को लेकर किसान संबंधित कार्यालय पर लेकर बिक्री हेतु महीनों से बोड़ा उतारकर खुले आसमान में रखे है पर आज तक सरकार द्वारा धान खरीदना तो दूर की बात है उनकी सुध लेने वाला भी कोई नही है।

9 मई 2021 को हरिहरपुर ओपी क्षेत्र के साथ साथ कई अन्य गांवों के किसानों ने प्रखंड परिसर में एक दिवसीय धरना दिए थे। इस मामले को युवा नेता व समाज सेवी शशांक शेखर द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को ट्विटर के माध्यम से शिकायत की थी उसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत ही मामले को संज्ञान लेते हुए ट्वीट कर गढ़वा डीसी को मामले की जांच करने को कहा गया था। पर बड़े ही अफसोस कि बात है कि अभी तक धान खरीदी मामले में कोई कार्यवाही नही हुई। खुले आसमान में बिक्री हेतु रखे धान लागातार चार से पांच दिनों तक हुए बारिश में भीग गए और धान में अंकुर फुट गए , जिससे अन्नदाताओं के चेहरे पर मायूसी छा गए। मौषम विभाग की माने तो इस वर्ष मानसून जल्द ही आने वाली है जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जिले में बारिश इस वर्ष जल्द ही प्रारंभ होगी। सोचनीय बात यह है कि चार से पांच दिनों के बारिश में धान की ऐसी स्थिति है तो जब बारिश के प्रतिदिन पानी से ढ्यां भीगते रहेंगे तो कब खरीदेगी किसानों से सरकार धान।