नई दिल्ली। किसी भी देश की सरकार को देश की व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए संसाधनों की दरकार होती है। भारत सरकार द्वारा भीं इन दिनों संसाधन के एकत्रीकरण के संदर्भ में कर प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस कारण इनकम टैक्स, जीएसटी आदि टैक्स रिटर्न की अनिवार्यता बढ़ती जा रही है। कॉरपोरेट वर्ल्ड में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने हेतु कंपनी प्रशासन पर भी सरकार द्वारा सख्त नजर रखी जा रही है। ऐसी परिस्थितियों में देश में अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की भारी मांग उत्पन्न होती दिखाई दे रही है। जिससे अकाउंटिंग सेक्टर में प्रचुर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
अकाउंटिंग सेक्टर में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए सबसे अनिवार्य शर्त होती है अकाउंटिंग स्किल का विकास। अकाउंटिंग स्किल कभी भी सैद्धांतिक पढ़ाई से विकसित नहीं हो पाती है। इसके लिए समुचित ट्रेनिंग अनिवार्य आवश्यकता होती है। इसी आवश्यकता को महसूस करते हुए कई ई लर्निंग प्लेटफार्म आगे आ रहे हैं, जिसमें एक टैक्स4वेल्थ भी है। इस ई लर्निंग प्लेटफार्म ने सौ फीसदी जॉब प्लेसमेंट के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल को विकसित किया है।
अकाउंटिंग क्षेत्र में कैरियर को सुव्यवस्थित तरीके से ऊंचाई पर ले जाने में अकाउंटिंग स्किल ही काम आता है। अकाउंटिंग सेक्टर में जॉब पाने की बात हो या विषम परिस्थितियों में जॉब को सुरक्षित रखने की आशा हो या जॉब में ग्रोथ की आकांक्षा हो, काम तो सिर्फ अकाउंटिंग स्किल ही आता है। डिग्री मायने रखती है लेकिन जब उसका संतुलन स्किल से हो जाता है तो फिर रोजगार हो या स्वरोजगार, अवसर खूब मिलते हैं।
अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स जितने कुशल होते जाते हैं उतनी ही उनकी वैल्यू में भी इजाफा होता जाता है। एक्सपर्ट और कुशल अकाउंटेंट बनने के लिए स्किल आधारित ट्रेनिंग प्रोग्राम एक महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है।इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए ई लर्निंग प्लेटफार्म टैक्स4वेल्थ के सीईओ श्री हिमांशु कुमार बताते हैं कि जिस तरह कर प्रबंधन पर सरकार ध्यान दे रही है उस संदर्भ में भविष्य में भारी संख्या में अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की आवश्यकता होगी। इस अवसर का लाभ, वहीं युवा उठा पाएंगे, जो अकाउंटिंग स्किल में दक्ष होंगे।