नई दिल्ली। इंडियन पीपल्स फोरम (आईपीएफ) बिहार काउंसिल ने बिहार दिवस का भव्य आयोजन किया, जिसमें मुख्य रूप से यूएई में रहने वाले बिहारी प्रवासियों की बड़ी संख्या ने भाग लिया। यह आयोजन बिहार की गौरवशाली विरासत, संस्कृति और भारत तथा विश्व में उसके योगदान को समर्पित था।
शारजाह, यूएई में आयोजित कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जिनमें आर.के. महतो (आईपीएफ बिहार काउंसिल के संयोजक एवं एनआरआई उद्योगपति), मनीष सिन्हा (बीजेपी बिहार एनआरआई सेल के संयोजक), शिल्पा नायर (आईपीएफ केंद्रीय समिति की उपाध्यक्ष) और सुल्ताना फारूक काज़िम (एक अमीराती अंतरराष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्ता) शामिल थे। सभी ने प्रेरणादायक भाषण दिए और बिहार के ऐतिहासिक महत्व, सामाजिक-आर्थिक प्रगति, और बिहार के विकास में प्रवासी बिहारी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण कलारंजनी ग्रुप का सांस्कृतिक प्रदर्शन रहा, जिसमें भोजपुरी, मैथिली और मगही लोकगीतों की मधुर प्रस्तुति दी गई। उनके भावपूर्ण गायन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और बिहार की समृद्ध संगीत परंपरा का जीवंत चित्र प्रस्तुत किया, जिससे प्रवासी बिहारी समुदाय में उत्साह एवं गर्व की भावना जाग्रत हुई।
इस अवसर पर सम्राट चौधरी उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री, नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री, दिलीप जायसवाल अध्यक्ष, बीजेपी बिहार, रवि शंकर प्रसाद पूर्व केंद्रीय मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री, डॉ. संजय जायसवाल सांसद, जनार्दन सिकरवार सांसद, चंदन तिवारी, बिहार की प्रसिद्ध लोकगायिका ने प्रवासी बिहारी समुदाय को शुभकामनाएं दीं और आईपीएफ बिहार काउंसिल द्वारा बिहार की विरासत को विदेशों में जीवंत बनाए रखने के प्रयासों की सराहना की।
आईपीएफ बिहार काउंसिल की मुख्य टीम, जिसमें संजीत झा, विकास सिंह, शैलेश पांडेय, अतुल कुमार, डॉ. उपेंद्र यादव, अमृता सिंह, और मानस पांडेय शामिल थे, ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि सभी अतिथियों के लिए यह एक यादगार अनुभव बने।
यह आयोजन प्रवासी बिहारी समुदाय के बीच एकता को प्रोत्साहित करने और बिहार की प्रगति के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने का मंच बना। वक्ताओं ने बिहार के ऐतिहासिक योगदानों को याद किया, जिनमें भगवान बुद्ध और गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएँ, चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की प्रशासनिक कुशलता, और बिहार की आधुनिक उपलब्धियाँ शामिल हैं। प्रवासी बिहारी समुदाय ने बिहार के भविष्य के विकास और प्रवासी बिहारी नागरिकों की भूमिका व जिम्मेदारियों पर भी विचार-विमर्श किया।
समापन के दौरान धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी अतिथियों, वक्ताओं, कलाकारों और आयोजकों का उनके सहयोग और उत्साह के लिए आभार व्यक्त किया गया। इसके बाद एक नेटवर्किंग डिनर का आयोजन हुआ, जहाँ मेहमानों ने पारंपरिक बिहारी व्यंजनों का स्वाद लेते हुए आपसी संवाद को और सशक्त किया।