संवाद पर विशेष ध्यान दे रही है जदयू, जारी किया अपना मासिक द्विभाषी मुखपत्र

जदयू के राज्य मुख्यालय में अपनी पार्टी के मुखपत्र को लोकार्पित करते हुए सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, बी आर आंबेडकर और कर्पूरी ठाकुर के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अपने संगठन में सकारात्मक बदलाव कर रहे हैं। पहले पार्टी को केंद्रीय अध्यक्ष दिया। सांसद आरसीपी सिंह को इस कुर्सी पर बिठाते ही संगठन में कई स्तर के परिवर्तन की चर्चा है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नीतीश कुमार की जनता दल युनाइटेड ने अपना मासिक द्विभाषी मुखपत्र जारी किया।

यूं तो मुखपत्र जारी करना कोई नई बात नहीं है। मगर इसकी टाइमिंग और बिहार में जब किसी राजनीतिक दल ने अब तक ऐसा नहीं किया हो, तो इसे एक उपलब्धि के रूप में माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अब हर स्तर पर लोगों से संवाद करने को बेताब है। सरकार और संगठन की बात जनता तक अधिक से अधिक पहुंचे, इस योजना के तहत ही ऐसा किया गया है।

अब तो हर कोई यही कह रहा है कि बिहार में सत्तारूढ़ जदयू अपना मुखपत्र जारी करने वाली राज्य की पहली प्रमुख पार्टी बन गई है। पटना में एक साधारण आयोजन में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पार्टी के प्रकाशित मासिक मुखपत्र ‘‘जदयू संधान’’ का लोकार्पण किया। यह पत्रिका जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में है।

बता दें कि जदयू के राज्य मुख्यालय में अपनी पार्टी के मुखपत्र को लोकार्पित करते हुए सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, बी आर आंबेडकर और कर्पूरी ठाकुर के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अंगिका, भोजपुरी, मगही और मैथिली जैसी भाषाओं में जदयू के इस मासिक मुखपत्र का संस्करण लाने का आह्वान किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से लेखन में योगदान देने का आग्रह किया।

इस अवसर पर उपस्थित जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के मुखपत्र से लोगों को यह पता चलने में मदद मिलेगी कि जदयू किसके लिए संघर्षरत है और किस मायने में अद्वितीय है। असल में, हाल में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाले जदयू द्वारा मुखपत्र के लॉन्च को पार्टी का संगठनात्मक स्तर पर फेरबदल किए जाने के बाद दल के नेता नीतीश कुमार के एक और प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।