नई दिल्ली। घर, घर होता है। चाहे घर अपना हो या किराये का। घर को घर समझेंगे, तभी घर में सकरात्मकता का प्रवेश होगा। अन्यथा घर के प्रति परायेपन का अहसास वहां नकरात्मकता का प्रवेश चुपके से करवाएगा। और फिर यहां से असफलता का दौर शुरू हो जाएगा। ऐसा हम नहीं बहुतेरे लाइफस्टाइल गुरु मानते हैं। जानते हैं 5 जिम्मेदारियां हैं किरएदारों कीं।
1. आप जिस किराए के घर में रहते हैं, अब वह आपका है और उसके रखरखाव और साफ-सफाई की जिम्मेदारी आपकी है। कोई बहुत व्यय वाला मेंटीनेस न हो तो इसे आप स्वयं भी करा सकते हैं और भवन स्वामी को सूचित कर सकते हैं। यकीन मानिए कि आपका थोड़ सा व्यय आपके और भवन स्वामी के बीच सोहार्द स्थापित करेगा और उसकी नजर में आपकी छवि एक जिम्मेदार किराएदार की बनेगी जो किसी बड़ी मेंटीनेस पर आपके बड़े काम आएगी।
2. आप किराएदार हैं और वह घर आपके इस्तेमाल में है तो यह आपका नैतिक दायित्व है कि इसकी साफ-सफाई पर ध्यान रखें। कूड़-करकट नियत स्थान और डस्टबिन में ही डालें। हर कोने-खुदरे की धूल झाड़-पोंछकर साफ रखें।
3. किराएदार के लिए आवश्यक है कि वह अपने पास-पड़ोस में मधुर संबंध अवश्य बनाए रखें। याद रखें आप परदेश में हैं और यहां आपको अपने पड़ौसियों से ही संकट-काल में मदद मिल सकती है। साथ ही आपके कहीं आने-जाने के बीच आपके घर की सुरक्षा भी रहती है।
4. आपका दायित्व है कि आप अपने भवन का किराया निश्चित समय पर चुकता करते रहें और कोई आपात स्थिति आने पर भवन स्वामी से विनयपूर्वक अपनी समस्या बताकर कुछ मोहलत मांगें। प्रयास करें कि इन मोहलत का लाभ उठाते हुए अपना बकाया चुकता करें और अपने मकान मालिक की दृष्टि में अपनी छवि सशक्त करें।
5. भवन की वायरिंग यद्यपि भवन स्वामी के रिवेयर-पोजेशन में होती है फिर भी आपका दायित्व है कि बिजली का प्रयोग निर्धारित मानकों के अनुसार करें। इस मानसिकता से बचें कि बिजली का बिल तो आप दे रहे हैं और आप चाहें तो उच्च क्षमता का हीटर इस्तेमाल कर सकते हैं।