सर्वमान्य सत्य है कि संस्कृति और समाज के संरक्षण व विकास के लिए अर्थ बेहद अनिवार्य है। काशी तमिल संगमम के माध्यम से जहां तमिल और काशी सांस्कृतिक रूप से एक साथ आए हैं, वहीं दोनों के बीच व्यापार को लेकर भी सकारात्मक पहल हुई है। कपड़ा क्षेत्र में तमिलनाडु के कामों को पूरा देश सराहना कर रहा है।
तमिलनाडु के जाने-माने व्यापारी व थायगराजन मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हरि थंगराजन के अनुसार, टेक्सटाइल क्षेत्र को लेकर तमिलनाडु का अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थान है। भारत में कृषि के बाद टेक्सटाइल सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। हमने वाराणसी के कई लोगों से बात की है और उम्मीद है कि दोनों जगहों के बीच में आंतरिक व्यापार बढ़ाया जा सकता है। इससे काशी और तमिलनाडु दोनों ही क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
तमिलनाडु में सबसे अधिक कपास मिलें कोयम्बटूर में पाई जाती हैं। अपने कपास उत्पादन और कपड़ा उद्योगों के कारण कोयम्बटूर को अक्सर दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है। “कोवई कोरा कॉटन“ को भारत सरकार द्वारा जीआई रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके साथ ही तिरुपूर ने होज़री, बुने वस्त्र, आरामदायक कपड़ों और खेल वस्त्रों के प्रमुख स्रोत के रूप में वैश्विक पहचान प्राप्त की है। तीन दशकों के दौरान तिरुपूर, देश में बुने हुए वस्त्रों की राजधानी के रूप में उभरा है।
Heritage group from Tamil Nadu electrified the atmosphere performing the traditional folk dance in the courtyard of Kashi Vishwanath temple after Darshan #KashiTamilSangamam #VanakkamKashi pic.twitter.com/HFWXQSgAaN
— Kashi Tamil Sangamam (@KTSangamam) December 3, 2022
हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि तमिलनाडु दुनिया में कपड़ा, पंप, वेट ग्राइंडर, महत्वपूर्ण कंपोनेंट के निर्माण आदि का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा और राष्ट्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।उन्होंने फार्म से लेकर फैब्रिक, फैब्रिक से लेकर तैयार उत्पाद, तैयार उत्पाद से लेकर फैशन उत्पाद और फिर अंतत: विदेशी उत्पादों पर प्रकाश डाला, इस संपूर्ण वैल्यू चेन में भारत का एक बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वह कोयंबटूर के लोगों के उद्यमशीलता कौशल की प्रशंसा करते हैं। शहर में कपड़ा के लिए कई एमएसएमई और बड़े पैमाने के उद्योग हैं, कोवई कोरा कॉटन साड़ी जीआई टैग की गई है और विश्व प्रसिद्ध है।
काशी तमिल संगमम के दौरान पदमश्री डॉ रजनीकांत ने जीआई को लेकर बात की। भारत लगातार अपने उत्पादों को जी आई के माध्यम से ग्लोबल स्तर तक ले कर जाने के लिए अग्रसर है। तमिलनाडु और काशी में जीआई को लेकर काफी समानताएं हैं। तमिलनाडु के अभी तक 9 जी आई उत्पाद हो चुके हैं और काशी क्षेत्र में 15 जीआई उत्पाद है। प्रधानमंत्री द्वारा ग्लोबल स्तर पर जीआई उत्पादों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाता है।