Bihar News : सोनू के बहाने सोचना होगा बिहार की जनता को

बिहार को सोनू के बहाने एक अवसर मिला था, प्रदेश के लोगों ने उस अवसर को खो दिया। बिहार से अच्छी शिक्षा की तलाश में लाखों छात्रों ने पलायन किया है। सोनू के बहाने उन सभी प्रतिभाओं को स्वर मिल सकता था।इतना ही समझिए कि जब बिहार में शिक्षा सुधार पर विमर्श होना चाहिए था, सारे यू ट्यूब चैनल वाले मोबाइल और ट्रायपोड लेकर सोनू के पीछे भाग रहे हैं।

पटना। पिछले कुछ दिनों में सोनू कुमार के आधा दर्जन से अधिक वीडियो देख लिए। वह एक छोटी उम्र का बच्चा है। उसने अपने लिए ‘अच्छी शिक्षा’ की मांग की। उसकी समझ से नवोदया या सैनिक स्कूल में उसे अच्छी शिक्षा मिल सकती है। उसने बिहार के मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांग रख दी है। यह बिहार सरकार को तय करना है कि उसकी मांग पर उन्हें क्या कदम उठाना है!

दूसरी तरफ यू ट्यूबर्स की एक लंबी कतार है। जहां अजीत अंजुम, पूण्य प्रसून, अभिसार, बरखा दत्त से लेकर मनीष कश्यप, रतन लाल और वेद तक मौजूद हैं। इसके अलावा हर जिले में ऐसे बारह-पन्द्रह यू ट्यूबर हैं, जो स्थानीय मुद्दे पर कन्टेन्ट तैयार करते हैं। इन सब पर ऐसा कुछ क्रिएट करने का दबाव हमेशा रहता है कि चैनल पर अधिक से अधिक भीड़ जुटे। ऐसा लगता है कि सोनू इस ‘भीड़ जुटाने’ वाली मानसिकता का शिकार हो गया है। सोनू को लेकर जिस तरह का कन्टेन्ट वायरल किया जा रहा है, अच्छी पत्रकारिता में वह सारा फूटेज संपादन की भेंद चढ़ जाता।

सोनू जब मुख्यमंत्री से मिलकर लौटे उसके बाद बिहार में सरकारी शिक्षा को लेकर एक बहस प्रारंभ हो सकती थी। प्रदेश के सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इस पर यू ट्यूब चैनल विमर्श कर सकते थे लेकिन यह सब करने के लिए पढ़ना पड़ता। सामग्री जुटानी पड़ती। उसके बाद भी यू ट्यूब पर लोग देखते कि ना देखते, इसकी गारंटी नहीं थी। तो सबसे आसान है मोबाइल और ट्रायपॉड लेकर सोनू के घर पहुंच जाइए और ​प्रशासन से लेकर राजनीति तक के सभी प्रश्नों का हल उस बच्चे से ही जानने की कोशिश कीजिए।