पटना (बिहार)। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना में बिहार विधानसभा की ओर मार्च का नेतृत्व करते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “इतनी धूप में बिहार के 50 लाख से ज़्यादा बच्चे मज़दूरी कर रहे हैं और सरकार इस पर ध्यान तक नहीं दे रही है। अगर हमें सरकार को जगाना है, तो हमें सड़कों पर उतरना ही होगा।”
प्रशांत किशोर के नेतृत्व में निकले इस मार्च में बड़ी संख्या में समर्थकों की भीड़ मौजूद थी, जो बाल मजदूरी, शिक्षा की बदहाली और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी कर रही थी।
प्रदर्शन को देखते हुए पटना पुलिस ने इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। पटना की एसपी दीक्षा ने मार्च पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“उन्हें (प्रशांत किशोर को) यहां से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं है। यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रदर्शनकारियों से बातचीत जारी है और अगर वे एक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से अपनी मांगें रखना चाहें, तो प्रशासन उन्हें सुनेगा। लेकिन यदि किसी प्रकार का कानून उल्लंघन हुआ, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों पर गंभीर प्रयास नहीं किए जाएंगे, तब तक वे जन आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह लड़ाई “जनता बनाम व्यवस्था” की है और यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
प्रशांत किशोर का यह मार्च बिहार में विकास और सामाजिक सुधारों को लेकर एक नए राजनीतिक आंदोलन का संकेत माना जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन और सरकार इस आवाज़ को सुनती है या विरोध और तेज़ होगा।