नई दिल्ली। कुछ जासूस नियमों का पालन करते हैं, अरमान मिस्त्री उन्हें दोबारा लिखते हैं। 27 जून से जियोहॉटस्टार पर प्रसारित होने जा रही ‘मिस्त्री’ अपराध, कॉमेडी और भावना का अनोखा मेल है। यह बहुचर्चित अमेरिकी सीरीज़ मॉन्क का भारतीय रूपांतरण है, जिसका निर्देशन ऋषभ सेठ ने किया है और जिसे बनिजय एशिया ने यूनिवर्सल इंटरनेशनल स्टूडियोज़ के सहयोग से प्रोड्यूस किया है।
कहानी के केंद्र में हैं राम कपूर, जो सनकी, जुनूनी और बेहद प्रतिभाशाली जासूस अरमान मिस्त्री की भूमिका में हैं। उनके साथ मोना सिंह, शिखा तल्सानिया और क्षितीश दाते जैसे अनुभवी कलाकार स्क्रीन पर जान डालते हैं।
जब पूरी टीम पर टिकी हो कहानी…
ऐसे शो में जहां पूरी कहानी कलाकारों की टीमवर्क पर निर्भर हो, वहां उनका आपसी तालमेल ही शो को खास बनाता है। राम कपूर इस केमिस्ट्री को शो की सबसे बड़ी ताकत बताते हैं। उनका मानना है कि हर कलाकार का अपनी भूमिका में पूरी तरह फिट होना ही “मिस्त्री” को जादुई बनाता है।
राम कपूर कहते हैं, “मैं यह बात हल्के में नहीं कह रहा। शायद प्रेस को भी याद होगा कि मैंने इससे पहले शायद ही कभी ऐसा कहा हो। जब आपकी पूरी मुख्य टीम इतनी मज़बूत हो, तो पर्दे पर जादू अपने आप हो जाता है।
जैसे बड़े अच्छे लगते हैं में साक्षी और मेरा साथ ही शो की जान था — अगर हम दोनों में से कोई एक नहीं होता, तो शायद वह शो वैसा नहीं बनता। क्योंकि अभिनय अकेले का खेल नहीं, पूरी टीम का प्रयास होता है।
मोना, शिखा, क्षितीश और मैं — हम चारों अपने-अपने किरदारों में इतने परफेक्ट हैं कि जब मैं डबिंग कर रहा था, तो बाकियों की परफॉर्मेंस देखकर खुद हंस रहा था। मुझे लगता है कि हमारे शो की सबसे बड़ी ताकत यही चार मुख्य कलाकार हैं, क्योंकि हर कोई अपने रोल में पूरी तरह फिट है और बेमिसाल लग रहा है।”
मिस्त्री: अपराध, हंसी और दिल के बीच का सफर
‘मिस्त्री’ अपनी मज़ेदार, भावनात्मक और रहस्यमयी कहानी के ज़रिए दर्शकों को बांधकर रखने के लिए तैयार है। कलाकारों की शानदार केमिस्ट्री इस शो को और खास बना देती है — और एक बार फिर यह साबित करती है कि बढ़िया टेलीविजन हमेशा एक टीम की ताकत से ही बनता है।