देहरादून। आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा कर दी। तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। मंगलवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। बुधवार को देहरादून में हुई पार्टी और विधायक दल की बैठक में इस नाम की औपचारिक घोषणा कर दी गई। इससे राज्य में राजनीतिक कयासबाजियों का दौर समाप्त हो गया।
दरअसल, अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड की राजनीति में भी जातीय समीकरण और पहाड-मैदानी का भाव देखना होता है। हमने अपनी खबरों में पहले ही बताया था कि उत्तराखंड की राजनीति में रावत के बदले रावत की ही दावेदारी सबसे सशक्त है। कांग्रेस भी रावत को आगे करके चुनाव लडेगी। इसलिए भाजपा (BJP) ने भी ऐसा ही किया है। हालांकि, तीरथ सिंह रावत के नाम की चर्चा दिल्ली से लेकर देहरादून तक नहीं थी। पार्टी ने बहुत ही गोपनीय तरीके से पूरी बिसात बिछाई और बुधवार की सुबह घोषणा कर दी गई।
पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पौड़ी सांसद श्री @TIRATHSRAWAT जी को उत्तराखंड मुख्यमंत्री बनने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/fXjcZlcRnn
— BJP Uttarakhand (@BJP4UK) March 10, 2021
निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) के नाम की घोषणा की। अपने नाम के एलान हो जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व सहित प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। साथ ही उत्तराखंड प्रदेश भाजपा के पदाधिकारी और विधायकों का। उन्होंने कहा कि कभी सोचना नहीं था और कल्पना भी नहीं थी कि जब मैं विद्यार्थी जीवन में आया आरएसएस से जुड़ा, भाजपा को जानता नहीं था। कई वर्ष तक विस्तारक प्रचारक रहा, फिर विद्यार्थी परिषद से जुड़ा, संगठन मंत्री का दायित्व रहा। कभी सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। अटल जी से जब पहली बार मिला तो भाजपा से पहला परिचय हुआ।
बता दें कि तीरथ सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल से भाजपा के सांसद हैं। तीरथ सिंह रावत साल 2000 में नवगठित उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री बने थे। वे साल 2007 में उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री चुने गए। राज्य चुनाव अधिकारी और प्रदेश सदस्यता प्रमुख के रूप में भी अपना योगदान दे चुके हैं।