यूं ही केंद्र की राजनीति से बिहार नहीं भेजे गए हैं शाहनवाज हुसैन

कुछ वर्षों से न कुर्सी थी और न ही हनक। हां, पार्टी का पक्ष रखते आ रहे थे। जो व्यक्ति भाजपा की पहली सरकार बनने पर केंद्र सरकार में मंत्री बना हो। जिसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का चहेते कहलाने पर भी तनिक घमंड न हुआ हो, उसे जब केंद्र में भाजपा की मजबूत सरकार बनने पर एक अदद कुर्सी न मिली हो, तो दुख हो सकता था। लेकिन, उस व्यक्ति का मन तनिक भी मलान न हुआ।

धैर्य के साथ पार्टी संगठन की ओर से जो जिम्मेदारी दी गई, उसे संभालता रहा। जहां भी पार्टी ने कहा, वहां गए। जो सामथ्र्य में रहा, उस कार्य को किया। हाल ही में कश्मीर के निकाय चुनाव में भाजपा का झंडा बुलंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहीं। अब भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि आप अपने गृह प्रदेश जाएं। पार्टी ने विधान पार्षद बनाने का निर्णय लिया। तय तो यह भी मान जा रहा है कि बिहार सरकार में मंत्री बनाए जाएंगे।

हम बात कर रहे हैं सैय्यद शाहनवाज हुसैन की। हाल ही में भाजपा ने उन्हें बिहार की राजनीति में एक बार फिर भेजा है। हालंाकि, सियासी गलियारे में इसे उनका डिमोशन माना जा रहा है। चर्चा तो यह भी है कि जब ये अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री थे, तो उस समय भाजपा महासचिव रहे नरेंद्र मोदी को उन्होंने कुछ घंटे अपने कार्यालय में प्रतीक्षा करवाया था। अब कुछ घंटे की मियाद उनके लिए छह साल हो गए। अब जाकर शाहनवाज हुसैन को सत्ता की कुर्सी दी जाने वाली है।

असल में, नीतीश कुमार, शाहनवाज हुसैन को पसंद नहीं करते हैं। सो, उनकाे बिहार भेज कर भाजपा ने नीतीश पर दबाव बनाने का दांव खेला है। दूसरा, बिहार में भाजपा में प्रदेश की राजनीति करने वाला कोई बड़ा नेता नहीं बचा है। सुशील मोदी के सांसद बनने के बाद से पार्टी को एक ऐसे चेहरे की जरूरत थी, जिसे लोग जानते हों और जो पार्टी व सरकार दोनों मंचों पर जोरदार तरीके से अपनी बात कह सके। तीसरा, शाहनवाज के जरिए पार्टी ने बिहार के मुस्लिमों को भी एक मैसेज दिया है।

शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद भेज कर भाजपा आरजेडी के एमवाई समीकरण को तोड़ने का प्रयास कर रही है। साथ ही उसकी नजर 2021 में बंगाल में चुनाव हाेने वाले हैं । पश्चिम बंगाल में मिशन 200+ लेकर चल रही भाजपा ने ममता बनर्जी द्वारा भाजपा को सांप्रदायिक और मुस्लिम विरोधी बताए जाने के काट के तौर पर शाहनवाज हुसैन का चेहरा सामने कर दिया है। भाजपा की मंशा प्रधानमंत्री के मंत्र, सबका साथ – सबका विकास और सबका विश्वास के तहत मुसलमानों को रिझाने की है। अगर शाहनवाज हुसैन आरजेडी से मुसलमानों को तोड़ने में सफल होते हैं तो वो ना सिर्फ बिहार में पार्टी काे ज्यादा मजबूत करेंगे बल्कि, पार्टी में उनका कद और भी बढ़ जाएगा।