रांची। झारखंड के युवाओं के साथ कितना बड़ा मजाक हो रहा है, यह बात वह समझता है जिसे झारखंड लोक सेवा आयोग यानी जेपीएससी से वास्ता पड़ा है। बीते कई साल से कई परीक्षाएं लंबित है। गुरूवार को झारखंड हाईकोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि यदि जेपीएससी संवैधानिक संस्था नहीं होती, तो इसे बंद करने का आदेश तक दिया जा सकता है। दूसरी ओर एक अन्य मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किया है।
बता दें कि नबाद के जज उतम आनंद की संदेहास्पद मृत्यु के मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जेपीएससी संवैधानिक संस्थान नहीं होती, तो अदालत आज इसे बंद करने का आदेश पारित कर देती। जेपीएससी काम नहीं कर रही, इतनी महत्वपूर्ण संस्थान में पद खाली है और नियुक्ति नहीं की जा रही है, यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्म की बात है। कोर्ट ने गृह सचिव द्वारा एफिडेविट दायर नहीं किये जाने पर भी नाराजगी जताई है। राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल ने अदालत को बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला में पद सृजित हैं, और उन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जिसपर चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन ने मौखिक रूप से कहा कि यह राज्य के लिए शर्म की बात है कि पद 2011 में सृजित हुआ, लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं हुई।
हाईकोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि ग्रामीण इलाकों का विकास केवल कागजों में हो रहा है और यहां अपराध का बोलबाला भी है। अगली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य के कल्याण सचिव को उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
बता दें कि झारखण्ड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने एक मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि अभी भी लोग आदिम युग में जी रहे हैं, राशन के लिए 8 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। यह झालसा की रिपोर्ट है। सिर्फ कागज में योजनाएं होने से विकास हो रहा है यह जरूरी नहीं है। विकास का नहीं पहुंचना अपराध को जन्म देता है।
झारखंड हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, राज्य सरकार पर उठ रहे हैं सवाल
राज्य सरकार जनता के बीच बेहतर काम का दावा करती है। लेकिन जब मामला कोर्ट में आता है, तो सच सामने आता है। झारखंड हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद राज्य सरकार के अधिकारी और जेपीएससी के लोग सकते में आ गए हैं। आला अधिकारी को कोर्ट ने तलब किया है।