देहरादून। कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जिन पर लोगों का सहज विश्वास नहीं होता है। यह स्थिति उस समय और भी विशेष हो जाती है, जब सिनेमाई कहानी को आप अपने आसपास घटता हुए देखें। ऐसे में सिनेमा भी सार्थक हो जाता है। जैसे ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जैसे ही सृष्टि गोस्वामी को एक दिन के लिए सीएम यानी मुख्यमंत्री बनाया, कहानी हकीकत में बदल गई।
कहानी थी नायक सिनेमा में। हकीकत हुई उत्तराखंड की धरती पर। नायक में एक दिन के लिए सीएम बने अनिल कपूर। अभी चारों ओर चर्चा में चल रही थी ऋचा चडढा, जो एक सिनेमाई किरदार को जी रही है। लेकिन, उत्तराखंड में एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनीं सृष्टि गोस्वामी। जी हां, कहानी सौ फीसदी सच है। भरोसा नहीं होता है न। आइए, हम आपको असलियत बताते हैं।
असल में, बालिका दिवस के अवसर पर हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी ने एक दिन के लिए उत्तराखंड के सीएम पद की कुर्सी संभाली। देहरादून पहुंच कर बाल विधानसभा में सृष्टि ने एक दिन का मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद सभी विधायकों और अधिकारियों ने सृष्टि को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद बाल विधानसभा शुरू हुई, जहां पर विभागीय अधिकारियों ने अपनी विभाग की समीक्षा रिपोर्ट पेश की।
बता दें कि 19 साल की सृष्टि हरिद्वार के दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। वह रुड़की के ठैड पीजी कॉलेज से ठैब एग्रीकल्चर में 7वें सेमेस्टर की छात्रा हैं। उनके पिता प्रवीण पुरी की गांव में छोटी सी दुकान है और मां सुधा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।
अब यकीन हुआ न। इसके पीछे संदेश था कि समाज के लोग खासकर बच्चे पूरी विधायिका की प्रणाली को समझें। कहा जा रहा है कि उत्तराखंड में यह नई कोशिश रंग लाई। आने वाले समय में कुछ अन्य राज्य भी इसका अनुसरण कर सकते हैं। उत्तराखंड बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में यह आयोजन किया गया है। इस आयोजन का मूल उद्देश्य बालिकाओं को प्रेरित करना है।
बताया जाता है कि जब यह बाल विधानसभा चल रहा था, तो उसमें एक दिन मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी ने नेता प्रतिपक्ष से निवेदन किया कि अगर आपके कोई सवाल है तो वे सरकार के समक्ष रखें। उनपर विचार किया जा सके।
कार्यक्रम में बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि सृष्टि गोस्वामी को इससे पहले 2018 में हुई बाल विधानसभा में कानून निर्माता चुना गया था। साल 2019 में वह गर्ल्स इंटरनैशनल लीडरशिप कार्यक्रम में थाइलैंड में भारत की अगुआई कर चुकी हैं।