सदन से सुप्रीम कोर्ट तक हर ओर छाया है पेगासस का मुद्दा

पेगासस सरकार के लिए गले की फांस बनता दिख रहा है। विपक्ष इसको लेकर संसद चलने नहीं दे रही है। कुछ लोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। सरकार की कोशिश है कि किसी तरह सदन की कार्यवाही चले।

नई दिल्ली। पेगासस मुद्दे को लेकर न तो संसद की कार्यवाही चल पा रही है और ना ही राजनीतिक बयानबाजी रूक रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से इसको लेकर सवाल किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस को लेकर जो रिपोर्ट मीडिया में आई है, जिनमें जासूसी के दावे किए गए हैं। अगर उसमें सच्चाई है तो ये निश्चित ही गंभीर मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं से केंद्र को याचिका की कॉपी देने को कहा है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि पेगासस मामला देश की सुरक्षा और लोगों की निजता से जुड़ा मामला है। हम चाहते हैं कि सदन में पेगासस मामले पर चर्चा हो लेकिन सरकार कह रही है कि विपक्ष चर्चा नहीं चाहता। सरकार चर्चा से क्यों भाग रहा है?

वहीं, भारतीय युवा कांग्रेस ने तेल की बढ़ी कीमतों और पेगासस मामले के संदर्भ में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शन में राहुल गांधी भी शामिल थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज देश के सामने बेरोज़गारी सबसे बड़ा मुद्दा है। प्रधानमंत्री सभी विषयों पर बोलते हैं लेकिन रोज़गार के बारे में वे एक शब्द नहीं बोलते हैं। उन्होंने कहा था कि हर साल 2 करोड़ रोज़गार दिया जाएगा, उल्टा लाखों करोड़ों युवाओं से उनका रोज़गार छीना गया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन पेगासस पर चर्चा हुई तो कांग्रेस ने मंत्री के स्टेटमेंट को फाड़ दिया। इनमें कोई गंभीरता नहीं है। क्या आज तक इन्होंने कोई सबूत दिया है कि इनका फोन टेप हुआ है? उन्होंने यह भी कहा कि म एक सवाल पूछते हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी और विपक्ष के नेता ईमानदारी से संसद में चर्चा चाहती हैं? इनका काम सिर्फ कीचड़ उछालना और वॉकऑउट करना है।