नया एंटी चीटिंग टूल पकड़ेगा चोरी

इससे एआई कंटेंट की पहचान में मिलेगा सहारा

नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति के साथ, ओपनएआई ने एक ऐसे नए टूल पर काम करना शुरू कर दिया है जो एआई द्वारा जनरेट किए गए कंटेंट की पहचान को सरल बनाएगा। वर्तमान में, ChatGPT जैसे एआई टूल्स विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिसमें कंटेंट मार्केटिंग, शिक्षा, और मीडिया हाउस शामिल हैं। लेकिन, एआई के उपयोग के साथ-साथ इसके सही और गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता भी बढ़ रही है।

ChatGPT, जो कि ओपनएआई द्वारा विकसित किया गया है, लंबा लेख लिखने, संक्षेप में जानकारी देने, और प्वाइंटर के रूप में कंटेंट प्रस्तुत करने की क्षमता रखता है। इसका उपयोग विशेष रूप से कॉलेजों और मीडिया हाउसों में बढ़ गया है। हालांकि, इसके व्यापक उपयोग ने छात्रों के बीच अकादमिक ईमानदारी को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है, क्योंकि छात्र इसका उपयोग अपने असाइनमेंट्स और लेखों के लिए कर रहे हैं।

इन समस्याओं को देखते हुए, ओपनएआई एक एंटी चीटिंग टूल पर काम कर रहा है जो कुछ ही पल में एआई द्वारा जनरेट किए गए कंटेंट की पहचान कर सकेगा। यह टूल ऐसे समय में आ रहा है जब कंपनियों और सरकारी संगठनों के बीच एआई कंटेंट की पहचान को लेकर लगातार बहस हो रही है। यह टूल एआई द्वारा तैयार किए गए कंटेंट को पहचानने में मदद करेगा, जिससे सामग्री की प्रामाणिकता बनाए रखी जा सकेगी और धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ओपनएआई ने इस नए एंटी चीटिंग टूल के अगले साल तक लॉन्च होने की उम्मीद जताई है। इसके विकास के लिए, कंपनी यूजर्स के बीच सर्वे भी कर रही है ताकि टूल की कार्यक्षमता और सटीकता को बेहतर बनाया जा सके। ओपनएआई के प्रवक्ता ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि यह टूल एआई कंटेंट के सही पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसके द्वारा प्रदान की गई जानकारी की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करेगा।

इस नए टूल की शुरुआत के साथ, ओपनएआई एआई तकनीक के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जो भविष्य में कंटेंट पहचान और सच्चाई को बनाए रखने में सहायक साबित होगा।