ITBP Raising Day : आज है आईटीबीपी का स्थापना दिवस, पीएम मोदी ने की इसके शौर्य की सराहना

आईटीबीपी हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के लिए 'फर्स्‍ट रेस्‍पोंडर' के रूप में राहत व बचाव अभियानों का संचालन भी करती है। बल का पिछले 6 दशकों का स्‍वर्णिम इतिहास रहा है जिसमें बल के जवानों ने विभिन्‍न कर्तव्‍यों के दौरान देश सेवा में अनेकों बलिदान दिए हैं।

नई दिल्ली। आम भारतीय रात में चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं कि देश की सीमाओं पर हमारे देश के रणबांकुरे बिना थके-रूके लगातार सुरक्षा में मुस्तैद हैं। ऐसे ही मुस्तैदी की मिसाल है भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी। आज 24 अक्टूबर को उसका स्थापना दिवस है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आईटीबीपी के सभी कर्मियों को उनके स्थापना दिवस की बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा;”अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों से लेकर हिमालय की बर्फीली ऊंचाइयों तक, हमारे @ITBP_official हिमवीरों ने देश के आह्वान को अत्यंत समर्पण के साथ निभाया है। आपदाओं के दौरान उनके द्वारा किये गए मानवीय कार्य उल्लेखनीय हैं। आईटीबीपी के सभी कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर बधाई।


भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बल की स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को हुई थी। वर्तमान में आईटीबीपी प्राथमिकत: लद्दाख में काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश में जाचेप ला तक 3,488 किमी. लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात है। इसके अलावा बल कई आंतरिक सुरक्षा कर्तव्‍यों एवं छत्‍तीसगढ में वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध अभियानों में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

बल की अधिकांश सीमा चौकियां 9,000 फीट से 18,800 फीट तक की ऊंचाइयों पर स्थित हैं जहां तापमान शून्‍य से 45 डिग्री सेल्शियस तक नीचे चला जाता है। आईटीबीपी राष्‍ट्र का एक विशेष सशस्‍त्र पुलिस बल है जो अपने जवानों को गहन सामरिक प्रशिक्षण के अलावा पर्वतारोहण और स्कीइंग समेत अन्‍य कई विधाओं में प्रशिक्षित करता है जिससे बल की एक विशिष्‍ट छवि है।