Jo Biden Vs Putin : अभी नहीं सुलझा है यूक्रेन का समला, दो दिन बाद होगी बाइडेन और पुतिन में बात

रूस इस बात का दबाव बना रहा है कि अमेरिका यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किए जाने की गारंटी दे, लेकिन नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने पिछले सप्ताह कहा था कि यदि अन्य देश या गठबंधन विस्तार करना चाहते हैं, तो रूस का इससे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।

नई दिल्ली। यूक्रेन का मसला अभी तक सुलझा नहीं है । संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच अब मंगलवार को बात होने की बात कही जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत करेंगे। व्हाइट हाउस और क्रेमलिन ने इस बात की पुष्टि की है। इससे पहले, दोनों नेताओं के बीच वार्ता जुलाई में हुई थी। उस समय बाइडन ने अमेरिका के खिलाफ रैनसमवेयर हमले करने वाले रूसी आपराधिक हैकिंग गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए पुतिन पर दबाव डाला था।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि बाइडन सीमा पर रूसी सैन्य गतिविधियों को लेकर अमेरिका की चिंता व्यक्त करेंगे और ‘‘यूक्रेन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लिए अमेरिकी सहयोग की पुन: पुष्टि’’ करेंगे। वहीं, पुतिन इस बातचीत के दौरान अपनी चिंताएं व्यक्त करेंगे और उनका नाटो सैन्य गठबंधन में यूक्रेन को शामिल करने के हर प्रकार के कदम को लेकर विरोध प्रकट करने का इरादा है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रपति ‘‘स्वयं फैसला करेंगे’’ कि वार्ता कितनी लंबी चलेगी।

बाडइन प्रशासन के एक अधिकारी के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया है कि रूस ने यूक्रेन के साथ लगती सीमा पर करीब 70 हजार सैनिकों की तैनाती की है और अगले वर्ष की शुरुआत में उसने संभावित आक्रमण की योजना बनाई है।

अमेरिका के अधिकारियों और पूर्व अमेरिकी राजनयिकों का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति जहां संभावित आक्रमण की तैयारियां कर रहे हैं, वहीं यूक्रेन की सेना पहले की तुलना में ज्यादा हथियारबंद एवं तैयार है और पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से रूस की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।