नई दिल्ली। सावन महीने में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) निकालना परंपरा रही ह। इस साल कोरोना महामारी को लेकर उत्तराखंड सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एकमत नहीं हो रहा है। उत्तराखंड ने इसे रद्द करने का निर्णय लिया है और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसे अनुमति प्रदान की गई है। अब कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने स्वतः संज्ञान लिया और दोनों राज्य सरकारों जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 को रोकने की दिशा में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा कि 25 जुलाई से धार्मिक यात्रा शुरू करने की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के बाद लोग हैरान हैं। पीठ ने कहा, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि संबंधित सरकारों का क्या रुख है। भारत के नागरिक पूरी तरह हैरान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है और यह तब हो रहा है, जब प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की तीसरी लहर के देश में आने के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि ‘हम कतई समझौता नहीं कर सकते’।’’ शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नोटिस जारी कर रहे हैं। यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी है, इसलिए हम चाहते हैं कि वे जल्द जवाब दायर करें ताकि मामले की सुनवाई शुक्रवार को हो सके।’’
बता दें कि एक दिन पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने घोषणा कर दी कि कोरोना महामारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसलिए कांवड़ यात्रा को राज्य में पूरी तरह से स्थगित कर दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उच्च अधिकारियों के साथ कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के संदर्भ में बातचीत की। ऐसे समय में जब कोविड वैरिएंट प्रदेश में मिला है। इस स्थिति में हम हरिद्वार को कोरोना महामारी का केंद्र नहीं बनाना चाहते इसलिए हमने कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फ़ैसला किया है।
वहीं, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह (Jay Pratap Singh) की ओर से कहा गया है कि कांवड़ संगठनों से बात कर कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) से जुड़ी तैयारियां हो गई हैं। हर साल की तरह इस साल भी 25 तारीख से प्रदेश में कांवड़ यात्रा शुरू होगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि कोविड़ नियमों का पालन हो और लोगों की आस्था का भी ध्यान रखा जाएं।