सपा और भाजपा नेताओं में तेज हो रही है जुबानी जंग

 

लखनउ। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार अयोध्या सामूहिक बलात्कार मामले में एक्शन में है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कड़ी की जा रही है। वहीं, भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। जबकि भाजपा इस मामले में पहचाने गए आरोपियों में से एक मोइद खान, जो कि सपा का सदस्य माना जाता है, के खिलाफ कथित निष्क्रियता के लिए सपा पर निशाना साध रही है, वहीं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले संगठन ने भी इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए भगवा पार्टी की आलोचना की है।

अब, दोनों के बीच वाकयुद्ध की ताजा स्थिति में, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने बलात्कारी को बचाने के लिए एसपी की आलोचना की। हालाँकि, एसपी ने भी डिप्टी सीएम पर कड़ा पलटवार किया और उनका (मौर्य का) नार्को टेस्ट कराने की मांग की, “यह स्पष्ट करने के लिए कि संवेदनशील मुद्दों पर सस्ती राजनीति कौन कर रहा है।” केशव मौर्य ने एक्स पर लिखा कि बलात्कारियों को बचाना सपा की जन्मजात फ़ितरत है। अगर बलात्कारी मुसलमान हो तब पूरा का पूरा सैफ़ई परिवार उसे बचाने के लिए खूंटा गाड़ देता है। सपा होगी सफा।

इस बीच, सपा नेता और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने मौर्य के ट्वीट पर जोरदार पलटवार किया। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, यादव ने मौर्य के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “मैं अयोध्या के घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं व साथ ही श्री पवन पांडेय द्वारा किए गए नार्को टेस्ट की मांग का समर्थन भी करता हूं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का भी नार्को टेस्ट होना चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संवदेनशील विषयों पर घटिया राजनीति कौन कर रहा है।”

गौरतलब है कि इससे पहले दिन में भी इटावा में पत्रकारों से बात करते हुए शिवपाल यादव ने यही मांग की थी। उन्होंने कहा, ”पीड़ित और आरोपी का नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि यही परीक्षण भाजपा नेता और “मुद्दे का राजनीतिकरण करने वालों” पर भी किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब शनिवार को सपा मुख्यालय से जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा था, ”अयोध्या के भदरसा मामले में डीएनए टेस्ट के बिना बीजेपी का आरोप पक्षपातपूर्ण माना जाएगा।”