पश्चिम बंगाल को मिली बड़ी सौगात: अलीपुरद्वार और कूच बिहार में पीएम मोदी ने रखी CGD परियोजना की नींव

अलीपुरद्वार/कूच बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार और कूच बिहार जिलों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1010 करोड़ रुपये से अधिक है और इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में घरों, व्यवसायों और वाहनों को स्वच्छ और सुरक्षित गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।

इस CGD परियोजना के अंतर्गत:

लगभग 19 CNG स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।

2.5 लाख से अधिक घरों को पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) की सुविधा मिलेगी।

100 से अधिक वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और उद्योगों को PNG से जोड़ा जाएगा।

क्षेत्र में वाहनों के लिए CNG की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, “कुछ देर पहले हमने इस मंच से अलीपुरद्वार और कूच बिहार में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना का शुभारंभ किया है। इस परियोजना से 2.5 लाख से अधिक घरों तक साफ, सुरक्षित और सस्ती गैस पाइप लाइन के जरिए पहुंचाई जाएगी। इससे ना केवल रसोई के लिए सिलेंडर खरीदने की चिंता खत्म होगी, बल्कि परिवारों को सुरक्षित गैस सप्लाई भी मिल पाएगी।” बंगाल का विकास भारत के भविष्य की नींव है। आज का दिन उसी नींव में एक और मजबूत ईंट जोड़ने का दिन है।

आज हमने इस मंच से अलीपुरद्वार और कूचबिहार में City Gas Distribution Project का शुभारंभ किया है। इस प्रोजेक्ट से 2.5 लाख से अधिक घरों तक साफ, सुरक्षित और सस्ती गैस पाइपलाइन से पहुंचाई जाएगी।

क्या है इस परियोजना का महत्व?

पर्यावरण के अनुकूल: प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधनों की तुलना में अधिक स्वच्छ है, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।

सुविधा और सुरक्षा: पाइप्ड गैस आपूर्ति घरों में रसोई गैस सिलेंडरों की निर्भरता को कम करेगी और उपयोगकर्ताओं को लगातार और सुरक्षित गैस मुहैया कराएगी।

आर्थिक विकास: CNG और PNG की उपलब्धता स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देगी और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह परियोजना “सबका साथ, सबका विकास” के विजन का हिस्सा है और इससे पूर्वोत्तर भारत के विकास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है।

यह पहल प्रधानमंत्री मोदी की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत देश भर में स्वच्छ ऊर्जा के साधनों को बढ़ावा देने और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत करने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।