भारत ने क्यों लगाया गेंहू निर्यात पर प्रतिबंध ?

नई दिल्ली। देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य जरूरतमंद देशों की सहायता के लिए, केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सिर्फ उस स्थिति में निर्यात की अनुमति दी जाएगी जहां अधिसूचना की तारीख को या उससे पहले अप्रतिसंहरणीय साख पत्र जारी किया गया हो। अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी। भारत सरकार ने देर रात अपने फैसले की घोषणा की है, और कहा कि पहले से जारी किए गए क्रेडिट के लिए गेहूं के शिपमेंट को ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शुक्रवार देर शाम जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा कि, फिलहाल गेहूं के निर्यात की अनुमति सिर्फ उन शिपमेंट्स को दी जाएगी, जहां 13 मई या उससे पहले लेटर ऑफ क्रेडिट (आईएलओसी) जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर ही निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

भारत 2022-23 में एक करोड़ टन अनाज निर्यात करने का लक्ष्य रखते हुए गेहूं के शिपमेंट को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए मोरक्को, ट्यूनीशिया और इंडोनेशिया सहित नौ देशों में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने गेहूं निर्यात पर एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसमें वाणिज्य मंत्रालय, शिपिंग और रेलवे के साथ साथ कई और मंत्रालयों के अधिकारियों को शामिल किया गया है।