महिलाओं पर क्यों ऐसा ध्यान दिया गया इस बार के दिल्ली सरकार के बजट में

नई दिल्ली। वित्त मंत्री आतिशी ने दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का एलान किया गया है। अगले वित्तीय वर्ष का बजट 76 हजार करोड़ रुपये का होगा। वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने तमाम दिक्कतों के बाद भी अपना हर वादा पूरा किया है। अभी और भी वादे हैं जो हमें पूरे करने हैं। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ सौतेला व्यवहार करती है। हमें उचित हिस्सा नहीं मिलता है। हम चाहते हैं कि केंद्र दिल्ली को उसका सही और उचित हिस्सा दे।

दिल्ली को ज्यादा टैक्स मिलता है लेकिन अब तक जो पहले का बजट था वहीं आज भी मिल रहा है। उन्होंने बजट पढ़ते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि कुछ साल पहले दिल्ली में दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने से लोग डरते थे। इसलिए हमने फरिश्ते योजना शुरू की। इसके तहत, दिल्ली सरकार दुर्घटना पीड़ितों के खर्च का वहन करेगी।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि स्थानीय निकायों को करीब 8.5 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। अस्पतालों के लिए 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मोहल्ला क्लीनिकों के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान है। दवाइयों के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
दिल्ली सरकार ने अस्पतालों के लिए 6 हजार 215 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया है। लोकनायक अस्पताल के लिए 719 करोड़ रुपये, गुरु तेग बहादुर अस्पताल के लिए 497 करोड़ रुपये, जीबी पंत अस्पताल के लिए 490 करोड़ रुपये, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के लिए 352 करोड़ रुपये, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के लिए 350 करोड़ रुपये, बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के लिए 291 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
दिल्ली आरोग्य कोष के लिए 80 करोड़, इसके अंतर्गत मुफ्त इलाज, सर्जरी, रेडियोलॉजी, डायग्नोस्टिक सेवाएं और चिकित्सा उपचार की सुविधा मिलेगी। दिल्ली में सेंट्रलाइज्ड एक्सीडेंट एंड ट्रॉमा सर्विसेज (CATS) की नई एम्बुलेंस खरीदने के लिए 194 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
विधायकों के फंड के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दिल्ली के सभी गांव में एक हजार सड़कें बनाई जाएंगी। 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के कल्याण के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।आतिशी के अनुसार, ई बसों के लिए 510 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। न्यायालय के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान है। सड़कों और फ्लाईओवर के लिए करीब 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान है।