Delhi News : सिंधु बॉर्डर पर युवक की हत्या, बसपा सुप्रीमो मायावती ने की सरकार से आर्थिक मदद की मांग

सिंधु बॉर्डर पर पंजाब के दलित युवक की हत्या पर मायावती ने मुआवजा और सहायता की मांग की है। दूसरी ओर किसान नेताओं का कहना है कि इससे आंदोलन पर फर्क नहीं पड़ेगा। हत्या की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है, आगे न जाने कोर्ट कैसा रूख अख्तियार करती है।

नई दिल्ली। सिंधु बॉर्डर पर हुए एक युवक ही हत्या के बाद अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के दलित युवक की हत्या दुखद व शर्मनाक है। BSP की यह माँग है कि पुलिस घटना को गंभीरता से ले और दोषियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करे तथा पंजाब के दलित मुख्यमंत्री भी लखीमपुर खीरी की तरह पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की मदद व सरकारी नौकरी दें।

बता दें कि इस हत्या में आरोपी निहंग ने शुक्रवार की शाम में ही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। शुक्रवार को लखबीर सिंह नामक एक व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया। इससे पहले एक महिला के साथ बलात्कार, लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराना, प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की घटनाएं हुई हैं।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि जिस व्यक्ति ने हत्या कि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है। इसमें और कौन लोग शामिल थे, वह अब जांच का विषय है। इसका आंदोलन पर असर नहीं पड़ेगा।
दूसरी ओर युवक की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। स्वाति गोयल ने याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से इस निर्मम हत्या समेत पूर्व की कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की मांग करने वाली पहले से दाखिल एक याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है। वकील शशांक शेखर झा ने अदालत से आवेदन कर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई है। आवेदन में कहा गया है कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। वे कोविड-19 के दिशानिर्देशों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इसकी वजह से अन्य लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। याचिका में कहा गया है कि आंदोलन की वजह से रोजमर्रा की परेशानियों के अलावा कई अमानवीय घटनाएं सामने आई है।