बिहार में चल रहे सियासी घमासान के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे । लगभग 6 महीने बाद एनडीए के दो बङे नेताओं की मुलाकात जब दिल्ली में होंगी तो बिहार की सियासत को लेकर चर्चा भी होंगी। हालांकि नीतीश के इस मुलाकात के बाद केंद्र में होनेवाले मंत्रीमंडल के विस्तार पर भी चर्चा होंगी और नीतीश कम से कम जदयू कोटे से मंत्री का तीन पद मागेंगे। इसके अलावे नीतीश बिहार में लोजपा की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे और लोजपा की एनडीए में भूमिका पर भी प्रदानमंत्री की राय जानने की कोशिस करेंगे।
खबर यह भी आ रही है कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पार्टी की तरफ से 2 कैबिनेट मिनिस्टर और एक केंद्रीय राज्यमंत्री के लिए नाम सौंपेंगे. खबर की माने तो, इस लिस्ट में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, मुंगेर के सांसद राजीव रंजन और पूर्णियां के सांसद संतोष कुशवाहा के नाम भी शामिल है.
कोरोना के संक्रमण काल में बिहार की स्थिति से भी पीएम को रुबरु करवाया जायेगा और बिहार के लिये अलग से कुछ खास पैकेज की मांग भी नीतीश कर सकते हैं। फिलहाल बिहार में कोरोना के बाद से स्थिति थोङी गंभीर हुई है और तीसरा वेव भी आने की संभावना जताई जा रही है लिहाजा नीतीश यह चाहेंगे की केंद्र बिहार के लिये कुछ अलग से सोचे क्योंकि बिहार एक पिछङा प्रदेश है।नीतीश और मोदी की मुलाकात कई मायनों में काफी खास मानी जा रही है क्योंकि बिहार की राजनीति फिलहाल सत्ता के इर्द गिर्द घूमति दिख रही है और राजद इस कोशिश में लगा है कि किसी भीतरह से वो अपनी सरकार बनाये।