पश्चिम बंगाल के चुनाव का रंग लाल ही क्यों होता है ?

नई दिल्ली/कोलकाता। अगले साल पश्चिम बंगाल में चुनावी डुगडुगी बजने वाली है। इसकी झलक अभी से ही मिलनी शुरू हो गई कि वहां की राजनीति कितना और कैसी रक्तरंजित होने वाली है ? भाजपा के कार्यकर्ता मारे जा रहे हैं। ठीक उसी तरह, जैसे करीब एक दशक पहले टीएमसी के कार्यकर्ता मारे जा रहे थे। उस समय सत्ता में वाम सरकार थी और इस बार टीएमसी यानी तृणमूल है। चंद रोज पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ, तो अनायास मुझे वह दिन याद आ गया, जब वाम सरकार के दौरान ममता बनर्ती का माथा फोड दिया गया था।

दरअसल, 2021 में बंगाल विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस की सरकार वहां पिछले लगभग साढ़े नौ वर्षों से ममता बनर्जी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ है। भाजपा ने अपना चुनावी बिगुल फूंक दिया है और उसके कई वरिष्ठ नेताओं का दौरा वहां हो चुका है। पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुछ सफलता मिली थी, इसलिए उसके नेतागण उत्साहित हैं और अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव में दो सौ सीट जीतने का दावा कर रहे है। चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का होना तो चलिए एक हद तक तो चलता है, लेकिन मारपीट, घनघोर गुंडागर्दी यदि देखना हो, तो आप फिलहाल बंगाल जाकर देख सकते हैं।

भाजपा का कहना है कि वर्तमान ममता सरकार ने बंगाल का विकास रोक दिया है और त्तृणमूल कांग्रेस सरकार का रवैया बिल्कुल तानाशाही का है । इसलिए जनता को बदलाव चाहिए और वहां भाजपा की सरकार बननी चाहिए जिससे राज्य का विकास हो सके और केंद्र से तालमेल ठीक से बन सके ।

उधर ममता सरकार का कहना है कि भाजपा सरकार का यह केवल एक आरोप है , लेकिन उसका लक्ष्य बंगाल की चलती सरकार को गिराकर अपनी सरकार बनाना है । अब यह निर्णय तो वहां की जनता को करना है कि वह जिसे अपना मतदान करेगी, जिसके प्रति उसका रूझान होगा सरकार तो उसी की बनेगी । यह फैसला अगले वर्ष चुनाव मे ही होगा । 295 विधानसभा सीटों वाले बंगाल में 294 सीटों पर चुनाव लडा जाता है एक सीट एंगलो इंडियन के लिए सुरक्षित रखा जाता है। बता दें कि आज बंगाल विधानसभा में 210 सीटों के साथ ममता बनर्जी सत्तारूढ़ है।

स्थानीय पढ़े लिखे लोगों से बंगाल की वास्तविक स्थिति को समझने का प्रयास किया तो पता चला कि वस्तुस्थिति कुछ और ही है। भाजपा ने येन-केन-प्रकारेण जिस तरह अन्य राज्यों में अपनी सरकार वैसाखी और धन बल के सहारे बनाया है, उसी प्रकार वहां बंगाल में भी मतदाताओं की भावनाओं से खेलकर अपनी सरकार बनाना चाहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ममता सरकार के गढ़ को तोड़ने के लिए इस तरह की घटनाएं बार बार कराई जाती है, ताकि लोगों की सहानुभूति उनकी पार्टी के साथ जुड़ सके । उनका यह भी कहना है कि जिस प्रकार दक्षिण भारतीय राज्यों में भाजपा की स्थिति है, उसी प्रकार बंगाल में भाजपा की स्थिति है । इसलिए भाजपा बंगाल के अंदर घुसकर अपनी सत्ता हासिल करना चाहती है ।