कल किसान तो आज पेगासस का मुद्दा है संसद परिसर में

नई दिल्ली। गुरुवार को किसान के मुद्दे पर संसद हंगामे की भेंट चढ़ गया। संसद भवन परिसर में शुक्रवार को भी कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी सांसदों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस, DMK और शिवसेना के सांसदों ने गांधी जी की मूर्ति के पास पेगासस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”IT मंत्री ने सफाई नहीं दिया। पहले सदन में चर्चा होनी चाहिए। चर्चा के बाद अगर वे रिप्लाई देते, उसको स्टेटमेंट कहते हैं।”

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस एक हथियार है। इजरायली सरकार इसे हथियार मानती है। ये हथियार आतंकवादियों और अपराधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने इस हथियार को हिंदुस्तान की संस्थाओं और लोकतंत्र के खिलाफ प्रयोग किया है। मेरा फोन टैप किया। यह सिर्फ मेरी निजता का मामला नहीं है, जनता की आवाज पर आक्रमण है। सुप्रीम कोर्ट और राफेल की जांच को रोकने के लिए पेगासस का प्रयोग किया गया। गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और नरेंद्र मोदी पर न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि इसका ऑथराइजेशन PM और गृहमंत्री ही कर सकते हैं।

वहीं, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पने आप जो चाहें बोलकर चले जाना। लोकतंत्र में चर्चा होती है फिर लोग बोलते हैं। सदस्यों का सुनकर उसके बाद अगर वे कोई स्टेटमेंट देते तो उसका कोई मूल्य है। वे सभी चीजों को दबाना चाहते हैं और अलोकतांत्रिक तरीके से चलाना चाहते हैं।

शिरोमणी अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल और बसपा का एक ही एजेंडा है कि किसानों की आवाज सुनी जाए और कानून वापस लिया जाए। जब तक ये कानून रद्द नहीं होते हम दोनो पार्टी सदन के अंदर और बाहर लगातार प्रदर्शन करेंगे और करते रहेंगे।