असम मिजोरम सीमा पर संघर्ष, राज्य सरकार के साथ केंद्र की है घटना पर नजर

बीते कुछ दिनों से असम-मिजोरम सीमा पर तनाव था। आखिरकार वह गुबार फूट पड़ा। पहले पत्थरबाजी और उसके बाद फायरिंग। कई पुलिसकर्मी घायल हुए। कई की मौत हो गई। इसकी धमक दिल्ली तक पहुंची है। राजनीतिक बयानबाजी जारी है।

नई दिल्ली। असम और मिजोरम की सीमा पर हुए संघर्ष में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इन दोनों राज्यों की सरकार अपने स्तर से घटना की समीक्षा कर रही है। घायलों का उपचार किया जा रहा है। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा घायल पुलिसकर्मियों से मिले। मिजोरम सरकार स्थिति की पूरी जानकारी ले रही है। वहीं, दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्रालय के अधिकारी भी इस घटना को लेकर नजर बनाए हुए हैं।

बता दें कि सिलचर में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम-मिज़ोरम सीमा संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घायल पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा किया तथा डॉक्टरों को उनका अच्छे से इलाज करने का निर्देश दिया। गंभीर रूप से घायल कर्मियों का उच्च स्तरीय इलाज करने के लिए एयर एंबुलेंस से भेजने को कहा।

असम-मिज़ोरम सीमा पर तनाव पर असम के कैबिनेट मंत्री परिमल शुक्ला बैद्य ने कहा कि कुछ दिन से दिक्कत चल रही थी। उन लोगों ने पहले पत्थर और ईंट से हंगामा मचाया और उसके बाद अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दिया। अभी तक हमारे 6 पुलिसकर्मियों की जान गई है और 80 लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री निगरानी कर रहे हैं। हमारी तरफ से एक भी फायरिंग नहीं हुई। उन लोगों ने करीब आधे घंटे अंधाधुंध फायरिंग की है। ऊपर अभी भी लोग हैं, जिन्हें बचाने का काम चल रहा है। बाउंड्री क्षेत्र में डर की वजह से कोई जा नहीं रहा है। मुख्यमंत्री केंद्र से बात कर रहे हैं।

असम-मिज़ोरम सीमा संघर्ष पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को इस समस्या का हल निकालने के लिए पहले से ही कहना चाहिए था कि ये अंतरराष्ट्रीय सीमा का मामला नहीं है बल्कि प्रांतीय सीमा का मामला है अगर वो इस मामले को पहले हल करते तो ये घटना टल सकती थी। स्थिति बहुत गंभीर है। केंद्रीय गृह मंत्री को तुरंत इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। मिज़ोरम के मुख्यमंत्री और असम के मुख्यमंत्री सिर्फ ट्विटर पर लड़ रहे हैं।