नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय भाषाओं को अब शिक्षा व्यवस्था में तरजीह दिया है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि हमने स्थानीय भाषाओं को भी प्रमुखता देने का फैसला लिया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब तमिल, मराठा, बांग्ला समेत 5 भाषााओं में शुरू होने वाली है। इसके अलावा कुल 11 भाषाओं में इंजीनियरिंग के कोर्स का अनुवाद शुरू हो चुका है। इसका सबसे ज्यादा लाभ देश के गरीब और मिडिल क्लास के स्टूडेंट्स को होगा। दलितों और आदिवासियों को होगा।
On this day last year, India took a monumental step ahead in the education sector by introducing the National Education Policy.
The aim of this policy was #TransformingEducation sector and placing it at par with world-class systems which bring out the best in our students.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश का युवा अब कभी भी अपनी स्ट्रीम में बदलाव कर सकता है। अब उनके आगे यह डर नहीं रहेगा कि यदि उन्होंने कोई एक स्ट्रीम चुन ली तो फिर उसे बदल नहीं पाएंगे। यह डर जब युवाओं के मन से निकलेगा तो उनके मन से तमाम तरह के डर निकलेंगे और वे नए प्रयोग करने तत्पर होंगे।