एक के बाद एक अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों पर कब्जा करता जा रहा है तालिबान

अफगानिस्तान में तालिबान एक के बाद एक शहर को अपने कब्जे में ले रही है। उसका लक्ष्य काबुल को कब्जे में करना है। इस बीच कई देशों के सहित भारत को भी अपने राजनयिक और लोगों की चिंता है।

काबुल। तालिबान एक बार फिर से अपनी ताकत के जरिए कई शहरों को अपने कब्जे में लेता जा रहा है। जहां भी उसका विरोध किया जा रहा है, वह अपने बाहुबल से उसे ध्वस्त करता जा रहा है। काबुल अभी सीधे खतरे में नहीं है लेकिन तालिबान की देश में पकड़ मजबूत होती जा रही है और दो तिहाई से अधिक क्षेत्र पर वह काबिज हो गया है। कंधार में बुधवार रात को तालिबान लड़ाकों ने कारागार पर हमला किया और कैदियों को छुड़वा लिया।

अफगानिस्तान के एक अधिकारी की ओर से कहा गया है कि तालिबान ने दक्षिण हेलमंड प्रांत की राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया है। बता दें कि अमेरिका और सहयोगी बलों ने अफगानिस्तान में करीब दो दशक तक चले युद्ध में सबसे रक्तरंजित लड़ाईयां हेलमंड में लड़ीं। गजनी के तालिबान के हाथों में जाने से यहां अब सरकारी बलों की आवाजाही में मुश्किलें आएंगी क्योंकि यह काबुल-कंधार राजमार्ग पर है। इस बीच अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में लड़ाई तेज हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, तालिबानी उग्रवादियों ने शुक्रवार तक देश की 12 से अधिक प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच वह देश के दो तिहाई से अधिक हिस्से पर काबिज हो चुका है।
गजनी पर तालिबान के कब्जे से अफगानिस्तान की राजधानी को देश के दक्षिण प्रांतों से जोड़ने वाला अहम राजमार्ग कट गया। इससे पहले, बृहस्पतिवार को तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया था। कंधार पर तालिबान ने बृहस्पतिवार रात को कब्जा कर लिया और सरकारी अधिकारी तथा उनके परिजन हवाई मार्ग से भागने के लिए किसी तरह हवाई अड्डे पहुंच गए।