कुंभ को लेकर तैयार है प्रशासन, जनता के मन में है कई तरह के सवाल

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, उच्चाधिकारियों, मेलाधिकारी एवं आईजी कुम्भ मेला के साथ निर्माण कार्यों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही उन्होंने निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर जनता के मन में कई तरह के सवाल हैं कि आखिर इस बार कुंभ में किस तरह की तैयारियां होंगी ? क्योंकि कोरोना महामारी के कारण कई प्रकार की बंदिशें लागू हैं।

सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या कुंभ 2021 आम जन के लिए उपलब्ध होगा या केवल साधुओं के लिए ही सुलभ होगा? देश में कोरोना महामारी शुरू होने के साथ ही हरिद्वार कुंभ के आयोजन पर भी बहस शुरू हो गई थी। साधु-संतों का एक धड़ा वर्ष 2021 के बजाय 2022 में कुंभ के आयोजन की मांग उठा रहा था, लेकिन अखाड़ा परिषद ने समय पर कुंभ कराने की बात कहकर इस मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद अखाड़ा परिषद और सरकार के बीच कई दौर की बैठकों में कुंभ के आयोजन पर चर्चा हुई। तय किया गया कि कुंभ समय पर ही होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसके स्वरूप पर विचार किया जाएगा।

कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार महाकुंभ के आयोजन का पूरा खाका खींच लिया गया है। महाकुंभ में मुख्य स्नानों को लेकर पोर्टल पर पंजीकरण करने के साथ ही हर श्रद्धालु के लिए इस बार घाट और गंगा स्नान का समय निर्धारित होगा। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच ग्रह और नक्षत्रों के योग के हिसाब से समय दिया जाएगा, ताकि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कर लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने का पुण्य कमा सकें। मुख्य स्नान पर हरिद्वार में करीब ढाई लाख वाहनों की पार्किंग का इंतजाम किया जाएगा।एक जनवरी से 30 अप्रैल तक चलने वाले हरिद्वार महाकुंभ में पंजीकरण, स्नान का समय और घाटों के निर्धारण की व्यवस्था केवल मुख्य स्नानों पर ही रहेगी। सामान्य दिनों में कुंभ स्नान के लिए कोई रोकटोक नहीं रहेगी। कुंभ मेला आईजी का कहना है कि भीड़ सीमित करने की भी फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालांकि, इन व्यवस्थाओं में स्थिति और समय के साथ बदलाव हो सकता है।