मुंबई। आखिरकार अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को राज्य के गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देना ही पडा। राकांपा नेता नबाव मलिक (Nawab Mallik) ने कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हाई कोर्ट के आदेश आने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने NCP के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की और अपनी इच्छा ज़ाहिर कि वे अपने पद पर नहीं रहना चाहते। जिसके बाद पार्टी ने निर्णय लिया है कि वे मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दें। पार्टी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि वे गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा स्वीकारे। इस्तीफा देने के लिए गृह मंत्री अनिल देशमुख मुख्यमंत्री के घर गए हुए हैं और हमें आशा है कि वे इस्तीफा स्वीकार करेंगे।
बता दें कि अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) नेे इस्तीफा देने से पहले राकांपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में प्रदेश और केंद्रीय नेता उपस्थित रहे। अनिल देशमुख मामले को लेकर हुई एनीसीपी (NCP) की हई लेवल मीटिंग में शरद पवार (Sharad Pawar) , अनिल देशमुख, अजित पवार और सु्प्रिया सुले मौजूद रहीं। यह बैठक जयश्री पटेल की याचिका पर आए हाई कोर्ट के निर्णय के बाद आयोजित हुई। हालांकि, अभी तक बैठक की पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है कि बैठक में क्या बातें हुई।
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 5, 2021
असल में, मुंबई हाई कोर्ट (Mumbai Highcourt) ने अनिल देशमुख पर परमबीर सिंह के आरोपों को असाधारण मामला बताया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सीबीआई (CBI) को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की 15 दिनों के भीतर प्रारंभिक जांच शुरू करने के लिए कहा है।
जिस प्रकार से हाईकोर्ट (Mumbai Highcourt) का इंतजार किया गया। राकांपा ने पूरी राजनीतिक बैठक की। उसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे (Udhav Tkahckry) को इस्तीफा देकर गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री पर अधिक दबाव बनाया है। सियासी जानकार कहते हैं कि अब सीएम को अधिक सचेत रहना होगा। राकांपा (NCP) की राजनीति को समझना इतना आसान नहीं है।