अपनी हिलती जमीन को हासिल करने के लिए छठ के लिए आगे आ रहे हैं भाजपाई

बीते सप्ताह सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मनीष सिंह के साथ अपने आवास पर छठ समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी कर ली। हालांकि, इस बैठक में कोरोना नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्यौहारों में भी कोरोना नियमों का पालन करने की हिदायत दे रहे हैं।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई लगातार छठ को लेकर जनता के बीच जा रही है। कोरोना महामारी के कारण दिल्ली सरकार ने कह दिया है कि इस साल भी सार्वजनिक जगहों पर छठ महापर्व का आयोजन नहीं किया जाएगा। उसके बाद से दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता की अगुवाई में तमाम नेता पूर्वांचल के वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए जगह-जगह छठ घाटों की अभी से ही सफाई कर रहे हैं। अव्वल तो यह कि इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस आदि समारोह से भी जोड़ा जा रहा है।
दरअसल, अगले साल दिल्ली में नगर निगम चुनाव होना है। बीते तीन बार से निगम में भाजपा सत्ता में हैं। आम लोगों से बात की जाए, तो अधिकतर लोग निगम पार्षद के व्यवहारों से नाराज हैं। नगर निगम और भ्रष्टाचार मानों एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। हर साल बारिश में नगर निगम के कार्यों की कलई खुलती है।
भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि निगम चुनाव को लेकर अभी से ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने नेताओं को कसना शुरू कर दिया गया है। हरेक नेता को कार्यक्षेत्र दिया गया है और कामों की रिपोर्ट देनी होगी। यही कारण है कि हाल ही में केंद्रीय कार्यसमिति में दिल्ली से पांच नेताओं को रखा गया है। दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी पूर्वांचल के बड़े चेहरे के रूप में दिल्ली में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। इसलिए छठ घाटों की राजनीति को इनके इर्द-गिर्द रखने की हिदायत है। वरना, बहुत कम ऐसे मौके दिखते हैं, जब मनोज तिवारी और आदेश गुप्ता एक साथ किसी स्थल पर होते हैं। दो दिन पहले इन दोनों नेताओं को यमुना घाट पर देखा गया। इसके साथ ही प्रदेश के महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह भी पूर्वांचल से आते हैं। पार्टी उन्हें भी दिन-रात लोगों से संपर्क अभियान करने की ड्यूटी लगाई हुई है।
असल में, भाजपा को डर है कि इस बार आम आदमी पार्टी जिस प्रकार से निगम चुनाव को लेकर पूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है, उससे पार्टी को दिक्कत आ सकती हैं। आम आदमी पार्टी की पकड़ समाज के नौकरी-पेशा और कम आय वर्ग में अधिक मानी जाती है। इस समुदाय में आधे से अधिक लोग दिल्ली के बाहर के हैं। पानी-बिजली का बिल नहीं आना भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में जाता है। ऐसे में भाजपा को लगता है कि छठ के नाम पर दिल्ली सरकार की पूर्वांचल विरोधी छवि को लोगों तक पहुंचाया जाए। इसलिए भाजपा नेता अभी से ही छठ पर बयानबाजी कर रहे है।ं छठ घाटों पर काम कर रहे हैं।