नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट में टेलिकॉम सेक्टर को लेकर बड़ा निर्णय किया गया है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वयं घोषणा किया कि आज टेलिकॉम सेक्टर के ऑटोमेटिक रूट में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही कई दूसरे अहम निर्णय लिए गए।दूरसंचार क्षेत्र के अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना को भी मंजूरी दे दी गई है।
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री नेशनल मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में अब डिजिटल फॉर्मेट में कस्टमर का वेरिफिकेशन होगा। अभी तक डॉक्युमेंट सब्मिट करना होता था लेकिन सरकार के इस फैसले से ग्राहक अब बिना किसी डॉक्युमेंट की हार्डकॉपी के वेरिफिकेशन करा सकेंगे। आईटी मंत्री ने बताया कि कागजी ग्राहक अधिग्रहण फॉर्म (CAF) को डेटा के डिजिटल स्टोरेज से बदल दिया जाएगा।
Cabinet approves major Reforms in Telecom Sector
In future Auctions, the tenure of spectrum increased
from 20 to 30 years. Surrender of the spectrum will be permitted after 10 years for spectrum acquired in future auctions: Union Minister @AshwiniVaishnaw #CabinetDecision pic.twitter.com/mi2iP38R3I— PIB India (@PIB_India) September 15, 2021
इसके अलावा ग्राहकों को प्रीपेड से पोस्टपेड में जाने पर दोबारा KYC की जरूरत नहीं होगी। वहीं, टावर के इंस्टॉलेशन के नियम में भी बदलाव हुआ है। सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर अब ये काम हो सकेगा।
असल में, वित्तीय संकट का सामना कर रहीं टेलीकॉम कंपनियों के राहत देते हुए केंद्र की तरफ से एक अहम योजना को मंजूरी दे दी गई है। राहत पैकेज से वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी सहायता मिलेगी।एजीआर बकाया के संकट से जूझ रही टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए सरकार ने एकसाथ कई अहम ऐलान किए हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर को एजीआर चुकाने पर राहत दी गई है तो ग्राहकों के लिए केवाईसी पर अहम ऐलान किए गए हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कैबिनेट निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि ड्रोन के लिए पीएलआई योजना में तीन वर्षों में 5,000 करोड़ से अधिक का नया निवेश आने की उम्मीद है। ऐसा लगता है कि 1500 करोड़ से अधिक का इन्क्रीमेंटल उत्पादन ये लाएगी।सरकार भारत में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, ऑटो कॉमपोनेंट उद्योग और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है। योजना में 26,058 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अनुमान है कि 5 वर्षों में लगभग 47,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा और लगभग 7,60,000 व्यक्तियों के लिए रोज़गार के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे।