देश इन दिनों कोरोना के बढते कहर से कराह रहा है और मरीजों की संख्या बढकर 2 लाख 17 हजार से ज्यादा हो चुकी है तो वहीं पिछले 24 घंटे में 1028 लोगों को कोरोना ने लील लिया है।देश में कोरोना के बढते मामलों के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना में आंक्सीजन की कमी से किसी को मरने नहीं दिया जायेगा। इसे लेकर पीएम ने विभागों को आवश्यक निर्देश भी दिये हैं।
केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल जरुरी
पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है तो वहीं देश के कई राज्यों ने कोरोना को लेकर केंद्र को त्राहिमाम संदेश भेजा है। राज्यों ने केंद्र से आक्सीजन की मांग की है क्योंकि आंक्सीजन के अभाव में मरीजों को एक-एक सांस के लिये संघर्ष करना पर रहा है । पीएम मोदी ने इसे गंभीरता से लेते हुये राज्यों के साथ बैठक कर आपसी तालमेल बिठाने का आदेश दिया। मोदी ने कहा कि किसी भी किमत पर आंक्सीजन की कमी मरीजों के लिये नहीं होने दि जायेगी। दरअसल में देश के 12 राज्यों में कोरोना डेंजर जोन को पार कर चुका है और वहां की सरकारों ने केंद्र से आँक्सीजन की आपात मांग की है। इतना ही नहीं देश के बङे अस्पताल भी आंक्सीजन की भारी किल्लत से जुझ रहे हैं।
आंक्सीजन को लेकर पीएम को विभागों ने दी जानकारी
दरअसल में मरीजों में 92 से नीचे आँक्सीजन जाने के बाद मरीज को आँक्सीजन की आवश्यकता महसूस होने लगती है। पहले 270 रुपये आंक्सीजन का सिलेंडर मिलता था जो अव 375 रुपये में भी नहीं मिल पा रहा है। इसी समस्या को लेकर आज पीएम मोदी ने अगले 15 दिनों तक आंक्सीजन सप्लाई को लेकर कई विभाग के साथ महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें स्वास्थ्य, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, इस्पात, सड़क परिवहन व अन्य मंत्रालयों की ओर से संबंधित जानकारियां प्रधानमंत्री को दी गई। अव पीएम खुद इसे माँनीटर कर रहे हैं।
देश के 12 राज्यों में कोरोना का है सबसे ज्यादा कहर
देश में कोरोना से सबसे ज्यादा 12 राज्य प्रभावित हैं। इसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। पीएम मोदी ने समीक्षा बैठक के बाद आंकसीजन के आयात करने के साथ साथ अगले 15 दिनों के लिये रोड मैप तैयार करने का निर्देश अधिकारियों को दिया।यहां आपको बता दें की पिछले तीन दिनों में कई राजयों के असपतालं में कोरोना मरीजों के लिये बेड कम पर गये हैं और जो मरीज भर्ती हैं उनहें असपताल उनकी जरुरत के हिसाब से आंक्सीजन उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है।