नई दिल्ली। देश ने कोरोना की दूसरी लहर को देखा है। हमारी स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी प्रयासों से इसके दुष्प्रभाव को कम किया गया। अब संक्रमण की रोजाना दर काफी कम हो गई है। संक्रमण में कमी का मतलब यह नहीं होता कि लोग सावधानी बरतना छोड दें। स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन बेहद जरूरी है। यही वो हथियार है, जिससे हम कोरोना संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं। हर व्यक्ति कोविड वैक्सीन लगाए, यह अत्यावश्यक है।
कोविड की दूसरी लहर में संक्रमण की गति तेज रही। इस लहर में हर उम्र के लोगों को कोविड हुआ। अब तीसरी लहर का अंदेशा है। कुछेक बातों को लेकर अभिभावक डरे हुए हैं कि कहीं उनके बच्चे इसकी चपेट में नहीं आ जाएं। कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि आप पैनिक नहीं करें। हमारी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर है। डाॅक्टर्स के साथ हर अभिभावक को सतर्क रहने की जरूरत है। जरा सा भी लक्षण दिखे, तो तुरंत अपने डाॅक्टर्स से संपर्क करें। जांच कराएं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आपका और आपके बच्चे का सही इलाज होगा। ध्यान रखें कि हर बुखार कोविड नहीं होता है।
वैश्विक या भारतीय स्तर पर बच्चों को लेकर ऐसा कोई डेटा नहीं है कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा होगा। दूसरी लहर में देश ने देखा है कि कम संख्या में बच्चों को कोविड हुआ और बहुत हल्के लक्षण दिखाई पडे। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भी जो बच्चे वायरस से संक्रमित हुए हैं वो या तो बेहद कम बीमार हुए या वो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे थे। हमें नहीं लगता कि आने वाले दिनों में बच्चे कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित होंगे। लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि बच्चों पर इसका असर नहीं पडें। तीसरी लहर को लेकर अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। किसी भी भ्रामक खबरों को सच नहीं मानें। सरकार और देश की स्वास्थ्य सेवाओं से जुडे लोग तमाम पहलुओं पर काम कर रहे हैं। देश के वैज्ञानिक और डाॅक्टर्स दिन-रात लगे हुए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से पीडियाट्रिक कोविड के इलाज संबंधित गाइडलाइन जारी कर दी गई है। हर अभिभावक को इस पढना चाहिए। इसमें बताए गए दिशा-निर्देशों का वो पालन करें, तो अपने घरों में कोविड को आने से रोक पाएंगे। बावजूद इसके बड़ों को कोविड अनुरूप व्यवहार ही इस बात को तय करेगा कि बच्चों पर कोरोना संक्रमण का असर कितना गंभीर होगा।