Delhi GNCTD 2021: एलजी पर फिर से तकरार, क्या कह रही है दिल्ली की सियासत

विधानसभा में कोई भी बिल पास कराने से पहले दिल्ली सरकार को उप राज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी। यह भी कहा गया है कि सरकार खुद को या अपनी किसी कमेटी को मजबूत बनाने के लिए कोई भी नियम नहीं बना सकती है।

नई दिल्ली। नगर निगम उपचुनाव परिणाम को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) उत्साहित है। भाजपा (BJP) के जोश में कमी आने की बात कही जा रही है। इसके बीच जिस प्रकार से दिल्ली के उपराज्यपाल यानी एलजी (LG of Delhi) के शक्ति में इजाफा करने संबंधी केंद्र सरकार का आदेश आया, उसके बाद आम आदमी पार्टी हमलावार हो गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी नाराजगी जताई।

बुधवार को आम आदमी पार्टी के तमाम विधायक जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। अब सवाल उठताा है कि आखिर यह स्थिति क्यों आई ? असल में, केंद्र सरकार ने ‘गवर्मनेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) एक्ट, 2021’ (GNCTD 2021) लोकसभा में पेश किया है। इस बिल में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का मतलब उप राज्यपाल होगा।

विरोध का स्वर यही से उठा। भाजपा सरकार (BJP Govt) के इस प्रस्ताव को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी ही नहीं, अन्य राजनीतिक दलों ने भी सख्त एतराज जताया है। उनका कहना है कि यदि ऐसा ही करना था तो फिर दिल्ली की चुनी हुई सरकार को क्या कहा जाएगा, यह इस बिल में नहीं लिखा है। बता दें कि दिल्ली में विधानसभा है और मतदान के जरिए चुनी हुई एक सरकार है, जिसके अधिकारों की व्याख्या करते हुए चार जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा था कि कानून-व्यवस्था, पुलिस और जमीन को छोड़ कर बाकी सभी अधिकार दिल्ली सरकार के हैं।

कहा जा रहा है कि भारत सरकार जो नया बिल लेकर आई है वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट देने वाली है। इस बिल में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का मतलब उप राज्यपाल होगा और सारे अधिकार उप राज्यपाल के पास होंगे। विधेयक में कहा गया है कि दिल्ली सरकार रोजमर्रा का भी कोई काम बिना उप राज्यपाल की मंजूरी के नहीं कर सकेगी। उसे अपने फैसले की सारी फाइलें पहले उप राज्यपाल (LG of Delhi) के पास भेजनी होगी और उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही उस पर अमल होगा। विधानसभा में कोई भी बिल पास कराने से पहले दिल्ली सरकार को उप राज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी। यह भी कहा गया है कि सरकार खुद को या अपनी किसी कमेटी को मजबूत बनाने के लिए कोई भी नियम नहीं बना सकती है। कुल मिला कर उप राज्यपाल (LG of Delhi) को मुख्यमंत्री का दर्जा देने का विधेयक केंद्र सरकार लेकर आई है।