Development News, देश के पूर्वोत्तर राज्यों को बेहतर कनेक्टिविटी, 6 नए हवा मार्गों की हुई शुरूआत

पूर्वी भारत अपनी अद्भुत हरी भरी घाटियों, पहाड़ी नदियों, हरे भरे जंगलों, विशाल चाय बागानों, बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों, आकर्षक नदियों, आदिवासी संस्कृति, रंग-बिरंगेमेलों और त्यौहारों के कारण पर्यटकों को लुभाता रहा है। ये उड़ानें प्रकृति प्रेमियों, यात्रियों, पर्यटकों आदि के लिए एक निर्बाध प्रवेश द्वार और सुगम हवाई पहुंच का विकल्प खोल देंगी।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार हाल के वर्षों में देश के पूर्वोत्तर राज्यों को बाकी राज्यों के संपर्क में लाने के लिए कोशिश कर रही है। इसमें कई स्तर पर सफलता भी मिली है। इन्हीं कोशिशों के बीच पूर्वोत्‍तर  हवाई सम्‍पर्क का विस्‍तार करते हुए  6 मार्गों पर विमानों को वर्चुअली रवाना किया। परिचालन शुरू करने वाले मार्ग हैं कोलकाता-गुवाहाटी, गुवाहाटी-आइजोल, आइजोल-शिलांग, शिलांग-आइजोल, आइजोल-गुवाहाटी और गुवाहाटी-कोलकाता। इन नई उड़ानों के साथ, गुवाहाटी, आइजोल और शिलांग के यात्रियों को देश के बाकी हिस्सों से जुड़ने के कई विकल्प मिल जाएंगे। क्षेत्रीय सम्‍पर्क को सहारा देने के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयास में, देश के सर्वश्रेष्ठ विरासत शहरों में से एक को देश की राजधानी से जोड़ने के लिए तिरुपति-दिल्ली मार्ग पर पहली सीधी उड़ान भी कल शुरू की गई थी।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय नागर विमानन मंत्री  ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “मिजोरम पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार है। पर्यटन और आर्थिक क्षेत्र के लिए इस शहर का अत्यधिक महत्व है। हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की इस परिकल्‍पना को पंख देने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि देश का प्रत्‍येक नागरिक हर राज्‍य की विशिष्‍टता को अनुभव करे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि राज्‍य मंत्री जनरल डॉ. वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त) और मैं बहुत जल्द व्यक्तिगत रूप से मिजोरम का दौरा करेंगे।”

उड़ान योजना के तहत, हमने उन शहरों को जोड़ा है जिनका देश के विमानन मानचित्र पर कोई उल्लेख नहीं था। हम 60 हवाई अड्डे और 387 मार्ग शुरू कर चुके हैं, जिनमें से 100 मार्ग अकेले पूर्वोत्‍तर में हैंऔर 50 मार्ग पहले से ही चालू हैं। इसके अलावा, 2014 में, पूर्वोत्‍तर में केवल 6 हवाईअड्डे चालू थे, लेकिन हमने 7 वर्ष की छोटी अवधि में 15 हवाई अड्डे खड़े कर दिए हैं। अत: इससे साबित होता है यह सरकार पूर्वोत्‍तर के राज्यों को उचित महत्‍व दे रही है।