Mamta Banarjee : दीदी की राजनीतिक यात्रा रोमांचक मोड़ पर

दीदी हारती हैं तो उनकी पार्टी में भारी टूट हो सकती हैं। वजह उनका भतीजा अभिषेक बनर्जी हो सकता है। टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दिग्गज ये झटका देने में कामयाब हो सकते हैं। यह झटका उनकी तरक्की में बाधक होगा।

कोलकाता। टीएमसी (TMC) सुप्रमों ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) का एक नाम ‘स्ट्रीट फाइटर’ भी है। थोड़ी देर मैं रिजल्ट आने शुरू हो जाएंगे। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के नतीजे कुछ भी हों पर एक्जिट पोल दीदी की राजनीतिक यात्रा में इस चुनाव रिजल्ट को रोमांचक मोड़ का संकेत देते हैं। जीत गयीं तो बम-बम वरना वह देश की राजनीति में फिसड्डी भी रह सकती हैं। आइए देखते हैं एक्जिट पोल के लिहाज से क्या कुछ होता है।

अगर दीदी हारती हैं तो उनकी पार्टी में भारी टूट हो सकती हैं। वजह उनका भतीजा अभिषेक बनर्जी (Abhisekh Banarjee) हो सकता है। टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दिग्गज ये झटका देने में कामयाब हो सकते हैं। यह झटका उनकी तरक्की में बाधक होगा। 2024 के संसदीय चुनाव में संप्रग गठन में उनकी भूमिका प्रभावित हो सकती है। उनके भतीजे पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उनकी ईमानदारी वाली छवि को धक्का लग सकता है। यदि टीएमसी (TMC) फिर सरकार बनाने में सफल होती है तो मोदी-शाह की कोशिशों को झटका देकर वह विपक्ष की सिरमौर भी बन सकती हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी महती भूमिका हो सकती है। अबकी चुनाव में बंगाल में 81.89 फीसदी मतदान हुआ जबकि 2016 के चुनाव यह आंकड़ा 81.59 फीसदी था। टीएमसी की बड़ी जीत (211 सीटें) थी। इस बात डेढ़ फीसदी मतदान कम हुआ। यह ममता बनर्जी दीदी के लिए चिंता का विषय है। कम मतदान से टीएमसी को बड़ा नुकसान होते दिख रहा है जो कि कम से कम 50 सीट तक हो सकता है। ममता को भाजपा के प्लान बी से भी खतरा साफ दिख रहा है। यानी मध्यप्रदेश का रिपीटीशन। जब कमलनाथ को हटाकर शिवराज चौहान को बैठाया गया था। भाजपा जैसी पार्टी के लिए सत्ता की खातिर राजनीति का यह तियांपांचा संभव है।