Utrakhand Political Crisis : असंतुष्ट भारी पडे त्रिवेंद्र सिंह रावत पर, दिया इस्तीफा

त्रिवेन्द्र सिंह रावत की कुर्सी चली गई। खबर आ रही है कि भाजपा नेता धन सिंह रावत को शेष बचे समय के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा के केंद्रीय नेताओं की ओर से इस संबंध में अभी तक कुछ कहा नहीं गया है।

देहरादून। देहरादून से दिल्ली की दौड काम न आईं। त्रिवेन्द्र सिंह रावत की कुर्सी चली गई। उन्हें अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पडा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा। अब खबर आ रही है कि भाजपा नेता धन सिंह रावत को शेष बचे समय के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा के केंद्रीय नेताओं की ओर से इस संबंध में अभी तक कुछ कहा नहीं गया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा बीते सप्ताह भर से उत्तराखंड के विधायकों से पार्टी के रणनीतिकार चर्चा कर रहे थे। पार्टी ने राज्य की जमीनी हालात जानने के लिए छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को उत्तराखंड तक भेजा था। उन्होंने पूरी रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दे दिया था। उसके बाद संघ के कुछ लोगों ने भी दिल्ली में ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलने की इच्छा जताई थी।

तभी तो आनन फानन में तमाम तयशुदा कार्यक्रम को छोडकर त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली भागे भागे आए थे। सोमवार को रावत के गैरसैंण और देहरादून में कई कार्यक्रम थे, लेकिन दिल्ली से आए बुलावे के बाद उनके सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए।

इस सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस नेताओं में उत्साह दिख रहा है। कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जिस तरीके से आज सत्ता परिवर्तन दिखाई दे रहा है वैसे 2022 में भाजपा जाएगी और कांग्रेस आएगी।

आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदल कर बीजेपी ने 2022 से पहले ही हार मान ली है। 4 साल में बीजेपी एक भी ऐसा काम नहीं कर सकी जिसके दम पर दोबारा वोट माँगने जा सकें। चेहरा बदल कर नकारेपन को छुपाया जा रहा है। बीजेपी को उत्तराखंड की जनता के 4 साल ख़राब करने के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।