सरकार को आम लोगों की समस्याओं की चिंता नहीं : कांग्रेस

सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा किया था। लेकिन आज उनकी दोगुना आमदनी की बात तो छोड़ दें, अभिभाषण में उनका जिक्र ही नहीं है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से अधिक समय तक किसानों ने धरना दिया और इस दौरान सात सौ किसानों की जान गई। अगर सरकार तीनों कृषि कानून पहले ही वापस ले लेती तो इन किसानों की जान बच सकती थी।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया ‘‘राष्ट्रपति का यह अभिभाषण न तो कोई नीतिगत दस्तावेज है और न ही उसमें कोई दृष्टिकोण है। इसमें सरकार ने केवल अपनी उपलब्धियों का ही बखान किया है। जनता के बुनियादी मसले जैसे महंगाई, बेरोजगारी, अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय के लोगों के साथ ज्यादतियां आदि यथावत हैं जिनका इसमें कोई जिक्र ही नहीं है।’’

सरकार पर ‘‘काम कम करने और प्रचार ज्यादा करने’’ का आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा ‘‘आज लोकतंत्र खतरे में है। स्थिति यह है कि सच बोलने वाले को देशद्रोही करार दे दिया जाता है। बार बार हम पर सवाल उठाया जाता है कि हमने 70 साल में क्या किया ? अगर हमने 70 साल में कुछ नहीं किया होता तो यह सवाल करने वाले लोग ऊंचे पदों पर नहीं बैठे होते।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को बहुत कुछ विरासत में मिला लेकिन वह ‘‘हमारे किए गए कामों का श्रेय स्वयं ले रही है और हम पर इतने साल तक कुछ नहीं करने का आरोप लगाती है।’’

खड़गे ने बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा ‘‘2014 में आपने कहा था कि हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नौकरियां तो दी नहीं गईं, उल्टे बेरोजगारी ही तेजी से बढ़ी। आज करीब नौ लाख सरकारी पद खाली हैं। रेलवे में 15 प्रतिशत, रक्षा में 40 प्रतिशत पद खाली हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में भी रिक्तियां हैं। पांच साल में केवल 60 लाख लोगों को ही नौकरी मिली। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.9 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में नौ प्रतिशत है। एमएसएमई क्षेत्र में 60 प्रतिशत इकाइयां बंद पड़ी हैं।’’

    खड़गे जब अपनी बात रख रहे थे तब सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा ‘‘इसे कभी आपने (मोदी ने) हमारी विफलता का जीता-जागता स्मारक बताया था। लेकिन हमारा यही मनरेगा कोविड काल में गरीबों के लिए सबसे मददगार साबित हुआ। इसके बावजूद इसे 73 हजार करोड़ रुपये का आवंटन मिला। आपने 100 दिन के रोजगार का और कोविड काल में 150 दिन के रोजगार का वादा किया था लेकिन केवल 20 दिन का ही रोजगार दिया गया।’’

    उन्होंने आरोप लगाया कि अभिभाषण में महंगाई का जिक्र ही नहीं है जबकि 2021 में 12 साल का रिकार्ड टूट गया और मुद्रास्फीति आज 14.23 प्रतिशत है। उन्होंने कहा ‘‘कच्चे तेल की कीमत घटने के बाद भी पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते गए। सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा कर 25 लाख करोड़ रुपये कमाए। लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते गए और इसकी वजह से हर चीज महंगी होती गई। एलपीजी के दाम 117 प्रतिशत बढ़े। 2014 में एक सिलिंडर की कीमत 414 रुपये थी जो आज 1000 रुपये हो गई। क्या यही अच्छे दिन हैं ?’’

    खड़गे ने कहा कि महांगई इतनी बढ़ गई है कि आम आदमी के लिए गुजारा करना मुश्किल हो गया है। ‘‘महंगाई, बेरोजगारी बढ़ रही है फिर अच्छे दिन कहां हैं? भुखमरी सूचकांक में 116 देशों में भारत 101 पायदान पर है।’’ उन्होंने कहा कि गहन विचार विमर्श के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा कानून ले कर आई थी। उन्होंने कहा ‘‘2013 में चीन के साथ सीमा पर तनाव के दौरान तत्कालीन विपक्ष की ओर से कहा गया था कि सरकार लाल आंखें कर चीन को समझाए। लेकिन आज चीन हमारी जमीन पर अतिक्रमण कर रहा है तब सरकार की आंखें लाल क्यों नहीं होतीं? आज सरकार ने क्यों मौन धारण कर रखा है? सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। सीमा पर भारत के कई सैनिकों की जान जा चुकी है। ’’

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा ‘‘2013 में चीन के साथ आयात तीन लाख आठ हजार करोड़ रुपये था। आज सात लाख 20 हजार करोड़ रुपये का आयात हो रहा है। जबकि व्यापार घाटा लगातार बढ़ा है। इसे आत्मनिर्भरता कहना ठीक होगा या चीन पर निर्भरता कहना ठीक होगा ? यह स्थिति ‘मेक इन इंडिया’ की घोषणा के बाद है। ’’ उन्होंने इसे सरकार की असफलता करार दिया।