नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रसिद्ध समाजवादी नेता दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती से एक दिन पहले देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘‘भारत रत्न’’ के लिए मनोनीत किया गया। कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति के वास्तविक ‘‘जन नायक’’ या लोगों के नायक रहे हैं, जिनकी विरासत पर विचारधाराओं से परे सभी पार्टियां दावा करती रही हैं। केंद्र की घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आभार व्यक्त किया। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) बुधवार को ठाकुर की जयंती मनाने के लिए एक बड़ी रैली आयोजित करने जा रही है। जदयू के शीर्ष नेता नीतीश ने कहा कि दिवंगत कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला ये सर्वोच्च सम्मानदलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा।
I bow to Jan Nayak Karpoori Thakur Ji on his birth centenary. On this special occasion, our Government has had the honour of conferring the Bharat Ratna on him. I’ve penned a few thoughts on his unparalleled impact on our society and polity. https://t.co/DrO4HuejVe
— Narendra Modi (@narendramodi) January 24, 2024
कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना का आह्वान किया और दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और समाजवादी प्रतीक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया। राहुल गांधी ने भी इसका स्वागत किया, उन्होंने सामाजिक और आर्थिक जाति जनगणना जारी नहीं करने पर केंद्र पर कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा कि देश को अब प्रतीकात्मक राजनीति की नहीं बल्कि वास्तविक न्याय की जरूरत है।
राहुल ने कहा कि सामाजिक न्याय के अप्रतिम योद्धा जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जन्मशती पर मैं उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। वह निश्चित रूप से भारत के अनमोल रत्न हैं और उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देने के फैसले का स्वागत है। राहुल गांधी ने कहा कि 2011 में हुई सामाजिक और आर्थिक जातीय जनगणना के नतीजों को भाजपा सरकार द्वारा छिपाना और राष्ट्रव्यापी जनगणना के प्रति उनकी उदासीनता सामाजिक न्याय के आंदोलन को कमज़ोर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि भागीदारी न्याय ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के पांच न्यायों में से एक प्रमुख न्याय और सामाजिक समानता का केंद्र बिंदु है, जिसकी शुरुआत सिर्फ जातिगत जनगणना के बाद ही हो सकती है।
सामाजिक न्याय के अप्रतिम योद्धा जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी जन्म शताब्दी पर सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वह निश्चित ही भारत के अनमोल रत्न हैं और उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने के फैसले का स्वागत है।
2011 में हुई सामाजिक और आर्थिक जातीय जनगणना के नतीजों को भाजपा… pic.twitter.com/uilmw3ynsS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 24, 2024
संचार के प्रभारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि यह निर्णय मोदी सरकार की “हताशा और पाखंड” को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भागीदारी न्याय भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पांच स्तंभों में से एक है। इसे आरंभिक बिंदु के रूप में राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की आवश्यकता होगी। 2011 की जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने के गांधी के बार-बार आह्वान पर प्रकाश डालते हुए, रमेश ने कहा कि सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है और साथ ही एक अद्यतन राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना आयोजित करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।