Guest Column : कोविड अनुरूप व्यवहार से मिली सरकारी प्रयासों को गति

डॉ अरविंद राजवंशी, एम्स रायबरेली

बहुत से लोगों को घूमना-फिरना बहुत पसंद हैं। अपने संसाधनों के अनुसार लोग देश-विदेश की यात्रा भी करते रहते हैं, लेकिन पिछले डेढ़ साल से लोगों की घूमने-फिरने की आदत पर ब्रेक लगने से देश ने कोविड टीकाकरण में एक अहम स्थान प्राप्त कर लिया है। सबसे बड़े व्यस्क टीकाकरण अभियान ने सौ करोड़ 74 लाख डोज का आंकड़ा पार कर लिया है। जो कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और लोगों की सहभागिता बिना मुश्किल था। हालांकि कोरोना ने लोगों के जीवन को बहुत कुछ बदल दिया है लेकिन यह बदलाव आपकी और अपनों की हिफाजत के लिए ही है। लोगों ने संयम का परिचय दिया जिससे कोविड टीकाकरण को बल मिला, जरा सोचिए अगर आप कोरोना संक्रमित होकर घूमते रहते तो संक्रमण कितना और प्रसारित होता। यह परिस्थिति विपरीत हो सकती थी। यानी आप जिससे संपर्क में आएं वो कोरोना संक्रमित हो। सोचिए आप तक कोरोना वायरस पहुंच गया तो क्या होगा। देशवसियों ने सरकार द्वारा किए गए आग्रह का अनुसरण किया और अब हम कोविड महामारीकी एंडेमिक स्थिति में पहुंच गए हैं।
इस दौरान लोगों ने डिजीटल और ऑनलाइन खरीददारी का विकल्प बपनाया गया, खासतौर से गैरजरूरी यात्रा टाली गईं। आर्थिक जरूरतों के लिए बहुत जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले। बाहर निकलना ही पडे़गा। कोविड महामारी के पहले सर्ज की चुनौतियों का लोगों से साहस के साथ मुकाबला किया और सख्त लॉकडाउन की पाबंदियों का पालन किया। अब कुछ राहत है, अधिकांश राज्यों में नाइट कफ्र्यू हटा दिया गया है लेकिन हमें कोविड अनुरूप व्यवहार का अब भी पालन करते रहना है। इसका मतलब यह नहीं कि आप अब यात्राएं करें ही नहीं। कोरोना के आगे किसी भी सर्ज से बचाव के लिए यह नितांत जरूरी है कि यदि कोविड अनुरूप व्यवहार को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लें। याद रखिए कि यात्रा जरूरी है या गैर जरूरी है इसका मापदंड आपको खुद बनाना होगा। मसलन रोजमर्रा की जरूरत की ग्रोसरी या दवा आदि लगानी है तो मंडी तक यात्रा करनी होगी। इसे टाला नहीं जा सकता है। मित्रों से मिलना या किसी त्यौहार में शामिल होना है, तो कोरोना महामारी के बीते अनुभवों से सबक लेते हुए सामाजिक दूरी का पालन करते ही दोस्तों से मिले। याद रहें जहां भी कहीं गेट टूगेटर की योजना बनाई गई हो वह जगह हवादार व साफ सुधरी हो। बेवजह दोस्तों से गले मिलना या सट कर बैठना अभी सही नहीं कहा जा सकता है।
कोरोना महामारी का प्रभाव अब क्योंकि धीरे धीरे कम हो रहा है तो ऐसे समय में हमें अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम महामारी के कड़वे अनुभवों को भुला दें और दो साल पहले जैसे सामान्य दिनचर्या में लौट आएं, कोविड का प्रभाव लगातार हमारे बीच बना रह सकता है, इसलिए थोड़ी सी भी लापरवाही देश व समाज के लिए घातक हो सकती है। अब क्योंकि लोग घरों से बाहर निकलने लगे हैंं और अधिकांश पाबंदियां हटा दी गईं हैं, ऐसे में हमें खुद अनुशासित नागरिक होने का परिचय देना है। कामकाजी लोगों को घर से बाहर निकलना ही पड़ता है। यदि फिर भी आपको किसी यात्रा में शामिल होना है तो खास सावधानियां बरतें। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार कोविड 19 में यात्रा के दौरान कुछ ट्रैवल प्रोटोकॉल को अपनाएं, जैसे- बार-बार हाथ धोते रहें, 20 से 30 सेकंड तक हाथ धोएं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में प्रवेश और निकासी में हाथ धोएं, जहां साबुन-पानी की व्यवस्था नहीं हो वहां हैंड सैनिटाइज़र का प्रयोग करें, सैनिटाइज़र में 60 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा हो, बिना धुले हाथों से अपना चेहरा नहीं छुएं, दो गज की दूरी बनाएं, साफ-सुथरी जगह पर रहें, भीड़-भाड़ से बचें, मास्क पहनें, वैक्सीन की दोनों डोज़ जरूर लें।
बता दें कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति से फैले कोरोना वायरस के कण कुछ घंटों तक किसी वस्तु की सतह या मास्क पर जीवित रहते हैं। ऐसे में कोरोना जल्दी फैलता है यदि वो वस्तु मुंह, कान या नाक के संपर्क में आते हैं। बाहर जाते समय यदि किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं जिसे खांसी, बुखार या नाक बह रही है, तो उस व्यक्ति से कम से कम तीन फीट की दूरी बनाकर ही बात करें, अन्यथा वायरस के कण रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स खांसी व बहती नाक से जरिए आप तक पहुंच सकते हैं। यदि होटल में रुकते हैं तो होटल मैनेजमेंट से कहें कि कमरे की सफाई बेहतर हो। अपने साथ सेनेटाइज़र स्प्रे में रखें, जिसका समय समय पर आवश्यकता अनुसार इस्तेमान करें, जिससे संक्रमण का खतरा आप तक नहीं पहुंचे।