वाशिंगटन। आखिरकार जो बाइडन ने संगीनों के साये में अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया। उनके साथ ही अमेरिका के इतिहास में पहली बार एक महिला के रूप में कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति की शपथ ली। इस सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली वह पहली महिला और भारतीय मूल की हैं। बाइडन को चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) के वेस्ट फ्रंट में दोपहर 12 बजे (स्थानीय समयानुसार) पद व गोपनीयता की शपथ दिलाया। अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद जो बाइडेन देशवासियों को अपने पहले संबोधन में एकजुटता का संदेश दिया।
अमेरिका के लिए यह पहला अवसर है कि राष्ट्पति के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दूर रखा गया। ट्रंप अमेरिका के 150 साल से ज्यादा पुराने इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जो आगामी राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो रहा है। इससे पहले राजधानी में उन्होंने एक विदाई संदेश दिया था जिसमें उन्होंने अमेरिका की जनता के लिए हमेशा लड़ने का वादा किया था।
असल में, जिस प्रकार से डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने बीते दिनों वाशिंगटन के कैपिटल हिल्स में उत्पात मचाया, उसके बाद से ही अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहीं। बता दें कि बराक ओबामा के शपथ ग्रहण में करीब 20 लाख लोगों ने भाग लिया था। इस बार उत्पात को देखते हुए लोगों को आने से मना किया गया। साथ ही कोरोना संक्रमण का भय भी है। इसकारण हर अतिथि ने मास्क पहना हुआ था।
भारतीय परिप्रेक्ष्य में बात करें, तो जो बाइडेन लगातार भारत समर्थक माने जाते हैं। संभावना है कि उनकी कैबिनेट में अधिक से अधिक भारतीयों को जगह मिलेगी। इसके पीछे कहीं न कहीं भारत की बढती शक्ति और बाजार है।
बता दें कि राजधानी में लॉकडाउन जैसी स्थिति है और 25 हजार से अधिक सैनिक और पुलिस कर्मियों को सुरक्षा में लगाया गया है। अमेरिका के कैपटल (संसद भवन) में हुए हिंसक दंगे और सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर जो बाइडेन बुधवार को वॉशिंगटन में कड़ी सुरक्षा है।