दाऊद से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को ईडी ने किया गिरफ्तार

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम और अंडरवर्ल्ड से जुड़े एक मामले में जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया। अपनी गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि जीतेंगे, झुकेंगे नहीं। यह बात उन्होंने मुंबई में ईडी कार्यालय से बाहर निकलते समय कही। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय से बाहर लाया गया और उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया।

ईडी की एक टीम आज सुबह नवाब मलिक के घर पहुंची थी और उनको अपने साथ ले आई थी। मुंबई स्थित दफ्तर में कई घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए जाने के बाद नवाब मलिक ने कहा है कि हम गिरफ्तारी से डरने वाले नहीं हैं। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। बता दें कि नवाब मलिक को ईडी ने अंडरवर्ल्ड से कथित संबंधों वाली एक प्रॉपर्टी से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है। ये केस अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और मुंबई धमाके में शामिल रहे आरोपियों से जमीनें खरीदने से जुड़ा है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को जिस तरह से ईडी के लोग उनके घर में जाकर लेकर गए हैं, यह महाराष्ट्र सरकार के लिए चुनौती है। पुराने मामलों को निकालकर सबकी जांच हो रही है। आप जांच कर सकते हैं। 2024 के बाद आप की भी जांच होगी। आने वाले दिनों में मैं सभी खुलासे करने जा रहा हूं। इसके लिए मुझे कितनी भी बड़ी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े। मैं एक-एक अफ़सर को एक्सपोज करूंगा।

अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मलिक से मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े धन शोधन के एक मामले में पूछताछ की है। मलिक ईडी कार्यालय पहुंचे और वहां ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। अंडरवर्ल्ड संबंधी गतिविधियों, सम्पत्ति की अवैध रूप से कथित खरीद-फरोख्त तथा हवाला लेनदेन के संबंध में ईडी ने 15 फरवरी को मुंबई में छापेमारी की थी और एक नया मामला दर्ज किया था, जिसके बाद मलिक से पूछताछ की गई।

कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा, राजनीति निचले स्तर पर जा चुकी है, ये बहुत ही निराशाजनक है। पूरे देश में और महाराष्ट्र में जो दिखाई दे रहा है वे उचित नहीं हैं। लोकतंत्र में विरोध करना, विरोध होना, अपने-अपने विचार अलग तरीके से रखना, यहां तक समझा जा सकता है लेकि जैसे केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है वो निश्चित तौर पर ठीक बात नहीं है।