नई दिल्ली। देशभर में एक बार फिर बड़ी संख्या में कोविड के मामले देखे जा रहे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के संक्रमण में यदि इस बार के ट्रेंड को देखगें तो पाएगें कि संक्रमित मरीजों की संख्या के एवज में ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा अधिक है, इसके साथ ही हल्के लक्षण वाले कोविड मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है। अधिकांश मरीज घर ही सही हो रहे हैं, कोविड के हल्के लक्षण के समय पर ही संक्रमण के प्रति सचेत हो जाने से हम इसके गंभीर परिणाम से बच सकते हैं। इसके दो फायदे होगें एक तो हम कोविड के गंभीर प्रभाव से बच सकेगें दूसरा इससे अस्पतालों पर मरीजों के बोझ को कम किया जा सकता है, जिससे अधिक गंभीर मरीज को जरूरत पड़ने पर अस्पताल में बेड उपलब्ध हो सके।
कोविड की इस लहर में भी हमें संयम और धैर्य का परिचय देना है। इस बार कोविड के हल्के व ए सिम्पमेटिक लक्षण वाले मरीज अधिक देखे जा रहे हैं। घर परिवार या किसी नजदीक के रिश्तेदार की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तो खुद को पूरी तरह आइसोलेट कर दें, दो से तीन दिन का बुखार साधारण एहतियात से ठीक किया जा सकता है।
हल्के लक्षण वाले या एसिम्पमेटिक मरीज यदि अस्पताल जाने की जगह घर पर ही सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन करेंगें तो अस्पताल के बेड गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को प्राप्त हो सकेंगे। इससे अस्पतालों पर बोझ कम होगा। डॉ. विकास भाटिया ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने की अपील की जा रही है। अधिकांश लोगों को अब कोविड अनुरूप व्यवहार की आदत भी हो गई है। इस बार भी हमें पहले की तरह ही कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करते रहना है। बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें, नियमित रूप से साबुन से हाथ धोते रहें और सामाजिक दूरी का पालन करें, भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, घर से जब भी बाहर निकलें अच्छी तरह से मास्क को चेहरे से ढंक कर ही बाहर निकलें। बाहर से घर में प्रवेश करने पर भी यह ध्यान रखें कि संपर्क में आई हुई वस्तुओं को विसंक्रमित कर दें, मास्क को नियमित रूप से बदलते रहें। संक्रमण से बचाव की हमारी कोविड अनुरूप आदतें ही इस बार भी हमें सुरक्षित रखेगीं।