PNB Scam : नहीं चला कोई दांव, आखिरकार भारत आना ही होगा नीरव मोदी को

नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने है। भारत में उसे दोषी करार किए जाने की पूरी संभावनाए है। जज ने अपने फैसले में यह भी कहा कि सुनवाई के दौरान दिए गए नीरव मोदी के बयान विरोधाभाषी है।

नई दिल्ली। हर अपराध की एक उम्र होती है। कोई कितना भी शातिर हो, लेकिन सरकार के हाथों वह बचता नहीं है। उसे कर्मों की सजा मिलती है। ये बातें बडे-बुजुर्ग कहते रहते हैं। जिस प्रकार से ब्रिटेन की एक अदालत ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया है, उससे इस बात को बल मिलता है।

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला करने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटिश अदालत में बड़ा झटका लगा है। जल्द ही नीरव मोदी को भारत लाया जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक से करीब 2 अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी वांक्षित है। नीरव मोदी फिलहाल लंदन की एक जेल में बंद है।

बता दें कि पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े नीरव मोदी की याचिका पर सुनवाई करते हुएलंदन की अदालत ने आज उसके अपील को ठुकरा दिया और भारत के उसके प्रत्यपर्ण की मंजूरी देते हुए यह भी कहा कि भारत की न्यायपालिक निष्पक्ष है।

असल में, 49 वर्षीय नीरव मोदी के दक्षिण-पश्चिम लंदन स्थित वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुआ। कोर्ट के वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सैमुअल गूजी ने अपना निर्णय देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से साफ ही कि नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने है। भारत में उसे दोषी करार किए जाने की पूरी संभावनाए है। जज ने अपने फैसले में यह भी कहा कि सुनवाई के दौरान दिए गए नीरव मोदी के बयान विरोधाभाषी है। जज ने यह भी कहा कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि अगर नीरव मोदी को भारत को सौंपा गया, तो उसके न्याय नहीं होगा।

बता दें कि नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वॉरंट पर 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण मामले के सिलसिले में हुई कई सुनवाइयों के दौरान वहवॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुआ था। जमानत को लेकर उसके कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज हो चुके हैं। क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम है। उसे भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना होगा।