नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन को लेकर दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। सिंधु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से जो रास्ता इंडिया गेट और संसद भवन की ओर आती है, उस पर विशेष तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बलों का दस्ता भी मौजूद है।
दिल्ली में जंतर-मंतर पर 3 कृषि क़ानूनों के ख़लिफ़ विरोध प्रदर्शन करने जाने के लिए किसान सिंघु (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर इकट्ठे हो गए हैं। 200 किसान संसद के आगे कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए जाएंगे। जंतर मंतर पर हमारी बसें रुकेंगी वहां से पैदल जाएंगे। जहां पर भी हमें पुलिस रोकेगी वहीं पर हम अपनी संसद लगाएंगे। जिन किसानों के आईकार्ड बन गए हैं वे आगे जाएंगे। किसान नेता प्रेम सिंह भंगू ने कहा, ”हम वहां विस्तार से चर्चा करेंगे, हम स्पीकर भी बनाएंगे, चर्चा होगी और प्रश्नकाल भी होगा। 200 से अधिक किसान नहीं जाएंगे।”
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से अन्य किसान नेताओं के साथ सिंघु बॉर्डर के लिए निकल गए हैं। आज जंतर मंतर पर किसानों का नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन है।
दिल्ली पुलिस के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर टिकरी बॉर्डर पर प्रतिबंध की व्यवस्था की गई। सिर्फ सिंघु बॉर्डर से आने जाने की अनुमति है। टिकरी बॉर्डर से किसानों के प्रदर्शन से संबंधित आवाजाही की अनुमति नहीं है। बाकी अन्य तरह की आवाजाही पर रोक नहीं है।
असल में, 22 जुलाई को संसद घेराव करने की सूचना पूर्व में ही किसान नेताओं ने दी गई है। पुलिस के आला अधिकारियों के साथ उनकी बैठक भी हो चुकी। मगर 26 जनवरी की घटना के बाद पुलिस को किसान नेताओं की बात पर पूरी तरह से भरोसा नहीं हैं। इसलिए पुलिस की ओर से विशेष सतर्कता बरती गई है।