12 सांसदों के निलंबन पर सदन से लकर सड़क तक हो रही है सियासी बयानबाजी

नई दिल्ली। राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन को वापस लाने के लिए कांग्रेस सांसद लगातार कोशिश कर रहे हैं। इस संदर्भ में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ सांसदों के साथ सभापति वैंकेया नायडू से भी मुलाकात की है। वहीं, सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि ये 12 सांसद पहले माफी मांगे। विपक्षी दलों ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी नेता एक और बैठक कर रहे हैं।


सभापति से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिन 12 सदस्यों को निलंबित किया गया उन्हें वापस लेने के लिए आज हम अध्यक्ष महोदय से मिले और उनसे आग्रह किया गया। पिछले सत्र में जो घटना हुई थी फिर उसे उठाकर फिर से सदस्यों को निलंबित करना गैरक़ानूनी है और नियमों के खिलाफ है।
वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी का कहना है कि कल भी हमने उनसे कहा कि आप लोग माफी मांग लीजिए, खेद व्यक्त कीजिए। लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया, साफ इनकार किया। इसलिए मज़बूरी में हमें ये फैसला लेना पड़ा। उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए।


लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यहां पर ज़मींदारी या राजा नहीं है कि हम बात-बात पर इनके पैर पकड़ें और माफी मांगे। ये ज़बरदस्ती क्यों माफी मंगवाना चाहते हैं। इसे हम बहुमत की बाहुबली कह सकते हैं। ये लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट चल रहा है। सरकार का ये नया तरीका है। हमें डराने का, धमकाने का, हमें जो अपनी बात रखने का अवसर मिलता है उसे छीनने का नया तरीका है।
राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट है। सभी सांसदों का निलंबन वापस होना चाहिए। ये लोकतांत्र की हत्या है। हम मज़बूती से सदन में अपना पक्ष रखेंगे।